बिलासपुर मे माँ महामाया की प्रतिमा का सर है तो अम्बिकापुर मे मां का धड स्थापित है। इसी वजब से अम्बिकापुर की माँ महामाया का सिद्द मंदिर समूचे संभाग मे एक सिद्दपीठ के रुप मे स्थापित है। लोगो की मान्यता है कि माँ महामाया के दर्शन मात्र से ही सुख और समृद्दि के मार्ग प्रशस्त हो जाते है। और यही वजह है किन नवरात्र के नौ दिन तक यंहा अम्बिकापुर के मां महामाया के दर्शन के लिए ना केवल सरगुजा जिला से श्रर्दालु आते है। बल्कि पडोसी जिले बलरामपुर,सूरजपुर , जशपुर और कोरिया जिले से भी प्रतिदिन माँ के सैकडो भक्त मां महामाया के दर्शन के लिए यंहा आते है। इस बार पहले ही दिन मे मां के दर्शन के 50 हजार से अधिक श्रर्दालु महामाया मंदिर पंहुच चुके है।
गौरतलब है कि महामाया मंदिर मे हर वर्ष सैकडो श्रर्धालु मनोकामना ज्योति कलश जलाते है। और इस वर्ष इस मनोकामना ज्योति कलश की संख्या 4 हजार से अधिक है। और मां महामाया के आशिर्वाद प्राप्त करने के लिए अम्बिकापुर पंहुचने वाले हजारो भक्तो की सुरक्षा के लिए यंहा जिला पुलिस बल द्वारा पुलिस बल और विशेष रुप से महिला पुलिस बल तैनात किया जाता है।