रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बलौदाबाजार जिले के ग्राम सकलोर में मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिवनाथ नदी के सोमनाथ घाट से पानी लाकर कुम्हारी सहित आस-पास के जलाशयों को भरने के किसानों से आए प्रस्ताव का सर्वेक्षण कराया जाएगा. उन्होंने जिला कलेक्टर को इस महत्वपूर्ण परियोजना का सर्वेक्षण रिपोर्ट 10 दिनों में राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. इससे सकलोर सहित आस-पास के लगभग 43 गांवों के किसानों के खेतों की प्यास बुझेगी और बार-बार के अकाल से अंचल के किसानों को मुक्ति मिलेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए राशि की कमी आड़े नहीं आएगी.
श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ को अलग राज्य बनाने का सबसे पहले सपना डॉ. खूबचंद बघेल ने देखा था. उनका सपना धीरे-धीरे वास्तविक रूप लेता गया और वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के साथ पूरा हुआ. उन्होंने कहा कि नई सरकार छत्तीसगढ़ के ग्रामीणों, किसानों और गरीबों की हमदर्द सरकार है। उन्होंने कहा कि नई सरकार के गठन होने के बाद दो घण्टे में ही किसानों के ऋण माफ कर दिए गए। धान की खरीदी 2500 रूपए प्रति क्विंटल के हिसाब से शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि दो हजार 50 और 2500 रूपए के अंतर की राशि भी किसानों को उनके खाते में फरवरी में मिल जाएगी। झीरम घाटी के पीड़ित परिवारों को भी न्याय मिलेगा। राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। बस्तर में टाटा कम्पनी द्वारा अधिग्रहित भूमि भी वास्तविक हकदार किसानों को लौटाने का फैसला सरकार ने लिया है। दस गांवों के एक हजार 700 किसानों की 4 हजार 200 एकड़ भूमि उन्हें लौटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नरवा, घुरवा, गरूवा और बारी का विकास हमारी सरकार की प्राथमिकता है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश के गांवों का समन्वित विकास किया जाएगा। गांवों में गायों के लिए पक्के गोठान और दैहान विकसित किए जाएंगे। गरूवा अब गांव और किसान के लिए गरू (बोझ) नहीं बल्कि उनके आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण आधार होंगे। गोबर से घर-घर में बायोगैस से खाना बनेगा। पशुओं को उन्नत प्रजाति में बदला जाएगा ताकि वे किसानों के लिए ज्यादा फायदेमंद हों। उन्होंने मनरेगा योजना को खेती-किसानी से जोड़ने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार शराबबंदी के लिए वचनबद्ध है। लेकिन इसे ऊपर से थोपा नहीं जाएगा। समाजों की बैठक लेकर इस पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इस बुराई पर समाज में मंथन होगा। उनकी सहमति और बताए गए सुझाव के अनुरूप इसका क्रियान्वयन किया जाएगा ताकि यह टिकाऊ बन सके। सामाजिक और राजनीतिक दोनों तरीके से हम इस बुराई पर प्रहार करेंगे ताकि हमें पूरी सफलता मिल सके।
मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में विशिष्ट योगदान करने वाले सामाजिक बन्धुओं का कुर्मी समाज की ओर से सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा और संस्कार से ही किसी समाज की पहचान होती है। इसलिए सभी समाजों को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए.