मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा की गयी घोषणा के अनुरूप छत्तीसगढ़ के लगभग 70 हजार महिला स्व-सहायता समूहों को राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में बच्चों के मध्यान्ह भोजन की सम्पूर्ण जिम्मेदारी नये कैलेण्डर वर्ष के शुभारंभ के साथ ही एक जनवरी 2014 से सौंप दी जाएगी। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इन महिला समूहों की लाखों महिलाएं अपने-अपने कार्य क्षेत्र के प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक स्कूलों में बच्चों के लिए दोपहर भोजन की व्यवस्था सम्हालने लगेंगी।मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन करते हुए राज्य सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग ने यहां नया रायपुर स्थित मंत्रालय (महानदी भवन) से इसके लिए विधिवत आदेश कल जारी कर दिया। आदेश में घोषणा का क्रियान्वयन शुरू हो जाने के बारे में जिला शिक्षा अधिकारियों से संबंधित जिला कलेक्टरों के हस्ताक्षर सहित 10 जनवरी 2014 तक प्रमाण पत्र भी मांगा गया है।
विभाग के सचिव श्री दिनेश श्रीवास्तव द्वारा राज्य के सभी जिला कलेक्टरों और जिला शिक्षा अधिकारियों को मंत्रालय से जारी परिपत्र में कहा है कि प्रदेश के सभी महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना का संचालन एक जनवरी 2014 से शुरू किया जाना है। इसके लिए सभी तैयारियां चालू माह दिसम्बर के अन्त तक पूर्ण कर ली जाए। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में राज्य के अधिकांश स्कूलों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा इस योजना का संचालन किया जा रहा है, लेकिन कुछ स्कूलों में ग्राम पंचायतों और शाला प्रबंध समितियों केे माध्यम से भी यह योजना चल रही है। सभी जिला कलेक्टर अपने-अपने जिले में इस योजना के लिए गठित जिला स्तरीय मानिटरिंग और संचालन समिति के अध्यक्ष हैं । मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस महीने की 12 तारीख को यहां अपने तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण के बाद यह घोषणा की थी कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूली बच्चों की इस योजना के संचालन का दायित्व नये वर्ष से शत-प्रतिशत महिला समूहों को सौंपा जाएगा। उनकी घोषणा के परिपालन स्कूल शिक्षा सचिव द्वारा जारी परिपत्र में अधिकारियों से कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जिन प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शालाओं में मध्यान्ह भोजन योजना का संचालन महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा नहींे किया जा रहा है, उन शालाओं में भी यह दायित्व 10 दिन के भीतर महिला स्व-सहायता समूह को अनिवार्य रूप से सौंपा जाए। महिला स्व-सहायता समूहों को मध्यान्ह भोजन योजना संचालन की जिम्मेदारी देने का अधिकार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को है। यदि किसी जिले के क्षेत्र विशेष में महिला स्व-सहायता समूहों का गठन नहीं किया गया हो अथवा सक्षम महिला समूह उपलब्ध न हो, तो ऐसी स्थिति में 15 दिनों के अन्दर संबंधित क्षेत्र में महिला स्व-सहायता समूहों का गठन कर उनका बैंक खाता खुलवाया जाए और उन्हें मध्यान्ह भोजन योजना की जिम्मेदारी सौंपी जाए। इसके बाद विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा चावल एवं रसोई लागत उन्हें उपलब्ध करायी जाएगी।
यह व्यवस्था न्यूनतम समय सीमा में पूर्ण कर लिए जाने के बाद संबंधित विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी इस आशय का प्रमाण पत्र अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के प्रतिहस्ताक्षर सहित जिला शिक्षा अधिकारी को व्यक्ति रूप से आकर सौंपेंगे। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी अपने जिले से संबंधित प्रमाण पत्र पर स्वयं हस्ताक्षर कर कलेक्टर से प्रतिहस्ताक्षर लेकर राज्य सरकार को 10 जनवरी 2014 तक अनिवार्य रूप से भेजेंगे।