नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले की परतें उधेड़ते हुये आज प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष भूपेष बघेल ने आज एसीबी की जांच प्रणाली पर उंगली उठाते हुये कहा कि गिरिष षर्मा से जप्त लेन-देन की सूची के तथ्यों को छुपाने का खेल-खेला जा रहा है। जांच व प्रमाण की वास्तविकता को छुपाने की कोषिष की जा रही है। मुख्यमंत्री व उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ स्पश्ट प्रमाणों को जानबूझकर दबाया जा रहा है। गिरिष षर्मा के द्वारा जप्त की गयी लेन-देन की सूची को इओडब्ल्यू के निरीक्षक देवस्थले ने सत्यापित किया है। इस सूची में मुख्यमंत्री के करीबियों, एष्वर्या रेसीडेंसी का लेन-देन, 5.12.2014 को लेन-देन, चंद्राकर के द्वारा मेडम सीएम के नाम का लेन-देन है।
इसके साथ ही इस सूची में सामान्य प्रषासन विभाग के अनेकों अधिकारियों के साथ हुये लेन-देन का भी उल्लेख है लेकिन एसीबी के द्वारा गिरिष षर्मा का जो कथन प्रस्तुत किया गया है। उसमें इस लेन-देन का कोई उल्लेख नहीं है और इस संबंध में अभियुक्त से गवाह बने गिरिष षर्मा से कोई प्रति प्रष्न भी नहीं किया गया है। गिरिष षर्मा से जप्त लेन-देन की सूची और उसके बयान से ही यह तथ्य प्रमाणित हो जाता है कि एसीबी नान मामले में बड़ी मछलियों, उच्च सत्ताधीषों और उनके करीबियों को बचाने की कोषिष में अभी से लग गयी है। विकासषील मुख्य सचिव व उसके अलावा अन्य कुछ लोगों से हुये स्पश्ट उल्लेखित लेन-देन के दस्तावेजी सबूतों को छोड़ा जा रहा है। यह तो अदालत को गुमराह करने की कोषिष है। एसीबी के द्वारा की गयी जांच और चिंहित लोगों का बचाव यह दस्तावेजों व गवाहों के बयान से देखा जा सकता है। एसीबी के मुखिया ने कहा कि जांच उस डोमेन में है जिसमें हम नहीं जा सकते है। जांच और अनुसंधान में नये तथ्यों का पता लगाया जाता है लेकिन छत्तीसगढ़ में एसीबी की जांच जानकारी में आ चुके तथ्यों को छोड़ती है, छिपाती है। सरकारी गवाह बनाये गये गिरिष षर्मा से बरामद हुये कम्प्यूटर के प्रिंट आउट जिसमें लेन-देन का हिसाब दर्ज है, क्-11 को कांग्रेस ने सार्वजनिक किया है। डी-11 के दस्तावेज में ऐष्वर्या रेजिडेंसी से लेकर मुख्यमंत्री की पत्नी, सीएस के पीए, विकासषील मंत्री के स्टाफ, मंत्रालय के अधिकारियों सहित सबके नाम दर्ज है। डी-11 की चुनिंदा एन्ट्रीज की पुश्टि ै2 में करायी गयी है। क्-11 पर गिरिष षर्मा का बयान कराया गया। इसलिये कराया गया ताकि क्-11 की कुछ एण्ट्रीज को छोड़ा जा सके। ऐष्वर्या रेजिडेंसी से लेकर मुख्यमंत्री की पत्नी, सीएस के पीए, विकासषील मंत्री के स्टाफ, मंत्रालय के अधिकारियों के नाम की एन्ट्रीज छोड़ दी गयी है। एसीबी को जो साक्ष्य मिले है, स्वयं एसीबी मुख्यमंत्री रमन सिंह के इषारों पर उन्हें नकारने, छिपाने और मिटाने का काम कर रही है। रमन सिंह किस मुंह से कहते हैं कि जांच निश्पक्ष होगी? षुचिता जीरो टालरेंस की बात करने वाले बेषर्मी से अपने पदों में बने हुये है। न खाउंगा न खाने दूंगा की बाते करने वाले नरेन्द्र मोदी नान घोटाले पर मौन क्यों है? 16 करोड़ नागपुर पहुंचाने की बात सही है क्या? क्यो आरएसएस मौन हैं? क्यों भाजपा के केन्द्रीय नेतागण मौन हैं? न्यायालय में प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर अमितषाह रमन सिंह से स्पश्टीकरण क्यों नहीं ले रहे है? गरीबों का चांवल, दाल, षक्कर, केरोसीन में जमकर भ्रश्टाचार हुआ है और ऊपर तक हिस्सा पहुंचा है। पत्रकारों ने जब पूछा कि आप सरकार पर इतने कड़े आरोप लगा रहे है मौत का भय नहीं लगता तो भूपेष बघेल ने कहा कि नान पर बोलने वालो को सरकार से खतरा है। मुझे भी खतरा है लेकिन मैं डरता नहीं हूं। हम निर्भय होकर जनता का काम कर रहे है हमें ना हार का भय है और जीरम घटना के बाद तो मौत का भय भी नही रहा है। मुख्यमंत्री कह रहे है कि ‘‘कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है। एसीबी अपनी सही दिषा में जांच कर रही है, चालान न्यायालय में प्रस्तुत हो गया है।’’ इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष भूपेष बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री तो ऐसा कहेंगे ही कि एसीबी सही दिषा में जांच कर रही है क्योंकि एसीबी उनको और उनके करीबियों को बचाने की दिषा में काम कर रही है। गिने चुने उद्योगपतियों, गिने चुने अधिकारियों को लाभ पहुंचाने के अलावा रमन सिंह के लिये और कुछ भी मुद्दा नहीं है। बड़े दुख की बात है कि छत्तीसगढ़ के लोगों की समस्यायें मुख्यमंत्री के लिये मुद्दा नहीं है। गरीबों के राषन के नाम पर पैसे की उगाही रमन सिंह के लिये मुद्दा नहीं है। किसानों की जमीन बांध में बराज में डूब रही है। यह रमन सिंह के लिये मुद्दा नहीं है। रमन सिंह के लिये छत्तीसगढ़ में जमीन घोटाला, भूमि अधिग्रहण, आदिवासियों की जमीन की लूट, राषन कार्ड, निरस्तीकरण, घोटाला, मीना खल्खो मामला, झलियामारी जैसे मामलों, मानव तस्करी, षालाओं को बंद किया जाना, आउट सोसिंग और बेरोजगारों से खिलवाड़, फर्जी आत्मसमर्पण, जीरम हत्याकांड, पत्रकारों पर बढ़ते हमले, धान के 2100 रू. समर्थन, बोनस 300 रू. और एक-एक दाना धान की खरीद के मामले में किसानों से की गयी वादाखिलाफी, महात्मा गांधी राश्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में गरीबों और मजदूरों के साथ हो रहा अन्याय, बिजली के बढ़ते दाम, कोयले में भ्रश्टाचार, लोहा खदानों में भ्रश्टाचार, बाल्कों जमीन आबंटन में गड़बड़ी, जंगल कटने के कारण हाथी गांव में घुसकर गांव वालों को मारना भी मुद्दा नहीं है। छत्तीसगढ़ में नान घोटाला होता है। रमन सिंह की पत्नी और साली तक पैसा पहुंचता है। लेकिन यह सब रमन सिंह के लिये मुद्दा नहीं है।