दतिमा मोड़ आयुष जायसवाल : रविवार सुबह अचानक दतिमा बीच बस्ती में जंगली भालू के आ जाने से पूरे गांव में अफरा तफरी मच गई.. पहली बार किसी जंगली जानवर को अपने क्षेत्र में देखकर ग्रामवासी भी सहम गए, ज्ञात हो कि दतिमा ग्राम पूर्ण रूप से घनी आबादी वाला क्षेत्र है, यहां अचानक जंगली भालू आ जाने से लोगों में डर समा गया है, क्योंकि घटना सुबह की थी, जिसे ग्राम वासियों ने देखकर लाठी-डंडे पटककर भालू को दूर खदेड़ा वही करंजी पुलिस भी मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाइश देती रही,
लेकिन वन विभाग का चार घण्टे बीत जाने के बाद भी नहीं पहुंच पाना सवाल खड़े करता है, समाचर लिखे जाने तक लगभग सैकड़ो ग्रामीणों ने भालू को घेर कर रखा गया है, लेकिन वन विभाग की उदासीनता से अभी तक ग्रामीण वही डटे है और सकारात्मक पहल का इंतज़ार कर रहे है..
अचानक जंगली भालू के बीच बस्ती में आ जाने से ग्रामवासी सहमे हुए हैं, ज्ञात हो कि क्षेत्र से घने जंगल जहां वन प्राणी स्थित रहते हैं वह लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित है लेकिन अचानक बीच बस्ती में आ जाना इन जानवरों की तकलीफों को साफ दर्शाता है..
12 जंगली हाथियों का दल भी बतरा ग्राम के आस पास पहुचने की सूचना
वही जानकारी के अनुसार दो-तीन दिन पूर्व ग्राम बतरा के खुर्शीया पारा व मलगा, लक्ष्मीपुर व धरतीपारा से लगे जंगल के समीप 12 हाथियों का झुण्ड देखा गया था , जिसे रतजगा कर , आग व फटाखा जलाकर ग्रामीणों द्वारा दूर भगाया गया था , लेकिन सबसे बड़ी बिडम्बना यह की वन विभाग द्वारा ना ही कोई सम्बंधित क्षेत्रो में सुचना दी गई और ना ही कोई पहल किया गया , वही स्थानिय लोगो का जीवन डर के साए में बीत रहा है , एवं रिहायसी इलाको में अब जंगली जानवरों के आने से भविष्य में अगर जल्द ही प्रशासनिक पहल नही किया गया तो एक भयंकर दुष्परिणाम से इंकार नही किया जा सकता