दन्तेवाड़ा..छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित दक्षिण बस्तर के हिरोली और गुमियापाल के ग्रामीण इन दिनों लाल आतंक के साय से दहशत में है..हालांकि की यह कोई नई बात नही है कि ग्रामीणों को नक्सलियों का भय पहली बार सता रहा हो..बल्कि इस बार ग्रामीणों को एक नक्सली कमांडर ने दहशत के साये में जीने को मजबूर कर दिया है..
दरअसल नक्सली संगठन जेडएससी के सचिव विनोद की बेटी 14 जुलाई को हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ में मारी गई थी..जिसके बाद विनोद ने ग्राम हिरोली और गुमियापाल पहुँच कर मामले की पड़ताल की और ग्रामीणों से मारपीट भी की..
ग्रामीणों से खुद विनोद ने 10 दिनों तक पुलिस -नक्सली मुठभेड़ के सम्बन्ध में कड़ाई से पूछताछ की..जिसके चलते गांव में दहशत का माहौल व्याप्त है..ग्रामीणों की माने तो उन्हें नक्सलियों ने गांव में ही नजर बन्द कर रखा था..
जानकारी के मुताबिक गुमियापाल में हुये पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 10 लाख के इनामी नक्सली विनोद की बेटी मंगली मारी गई थी..और उस पर भी 5 लाख इनाम पुलिस ने घोषित किया था..मंगली नक्सलियों के कटेकल्याण एरिया कमेटी के कमांडर जगदीश की पत्नी थी..और मंगली के मरने के बाद विनोद और जगदीश अब हिरोली और गुमियापाल गांव में कथित तौर पर ग्रामीणों की बैठक लेकर ग्रामीणों को प्रताड़ित कर रहे है..लेकिन ग्रामीण नक्सलियों की इस प्रताड़ना का खुलकर विरोध नही कर पा रहे है..
वही इस पूरे मामले पर दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव का कहना है कि बरसात के दिनों में भी जवान जंगलो के सर्चिंग में लगे हुए है..और उन्होंने खुद ही हिरोली व गुमियापाल का मुआयना किया है..लेकिन इस तरह की बाते उनके नॉलेज में अब तक नही आई है..