अजजा वर्ग में शामिल करने और सामाजिक कुरीतियों सहित कई मुद्दो पर बनी सहमति
अम्बिकापुर (उदयपुर से क्रान्ति रावत)
रविवार को प्राचीनतम् नाट्यशाला सीताबेंगरा रामगढ़ में अखिल भारतीय बिंझिया समाज महासंघ का एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन भुवाल सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान श्री राम एवं समाज के पूर्वजों के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया। सर्वप्रथम कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गयी। पूर्व में आयोजित बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन किया गया तथा कार्य कारिणी के पदाधिकारियों का शपथ ग्रहण भी कराया गया। समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिये दृढ़ संकल्प लिया गया। समाज में सुधार के लिए सर्वप्रथम बाल विवाह, गोदना प्रथा, गौना प्रथा एवं शराब बंदी की घोषणा की गयी। सम्मेलन में उपस्थित हजारों लोगों ने इस फैसले का सम्मान करते हुये अमल में लाने का संकल्प लिया। समाज के द्वारा कक्षा दसवीं एवं बारहवीं के मेघावी छात्र छात्राओं को ग्यारह सौ रूपये नगद और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। सम्मेलन को समाज के विभिन्न वक्ताओं द्वारा संबोधित किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष भुवाल सिंह ने कहा कि बिंझिया समाज का इतिहास गौरवशाली रहा है और इस समाज की सभी परम्परायें आदिवासी समाज की है परंतु त्रुटिवश अभी तक बिंझिया समाज को अजजा वर्ग में शामिल नहीं किया गया है। समाज के लोग विगत कई दशकों से इस संघर्ष को जारी रखे हुये है। अथक प्रयास और लगातार संघर्ष के अनुकूल परिणाम भी सामने आये है। न्यायालय और विभिन्न आयोग से हरी झंडी मिल चुकी है। शीघ्र ही बिंझिया समाज अजजा वर्ग में शामिल होने वाला है।
जिला पंचायत सदस्य नरसिंह नारायण सिंह ने कहा कि अजजा वर्ग में शामिल होने के बाद भी विभिन्न्न शासकीय योजनाओं का लाभ तभी ले सकते है जब आप शिक्षा का स्तर बरकरार रखेंगे, शिक्षा से ही समाज आगे बढ़ेगा। समाज में व्याप्त कुरीतियों से बिंझिया समाज अन्य समाज की तुलना में काफी पिछड़ा हुआ है। हम सब लोगों को मिलकर इसे दूर करने का प्रयास करना होगा तभी जाकर सफलता मिलेगी। झारखण्ड से आये दीनबंधू सिंह ने कहा कि बहुत हो गया पिछड़ापन अब हमे आगे और सिर्फ आगे बढ़ना है। इससे कोई नहीं रोक सकता। जिस तरह आज के बैठक में लोगों ने सामाजिक एकता दिखायी है उसे बरकरार रखना होगा। उड़ीसा से आये सोनू मिर्धा एवं चन्द्रशेखर ने भी सामाजिक उत्थान और कुरीतियों के बारे में लोगों को संबोधित किया। कार्यक्रम में समाज के प्रमुख संरक्षक भरत सिंह, भगवान सिंह, महादर सिंरदार, मदन सिंह, अर्जुन सिंह, हरि सिरदार, विमल, मोतीलाल, देवनारायण, सुरेश सिंह, अनिल सिंह, जयपाल शामिल है। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के अतिरिक्त, उड़ीसा और झारखण्ड से भी बिंझिया समाज के लगभग दो हजार लोग शामिल हुये। कार्यक्रम का संचालन बिंझिया समाज के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय सिरदार ने किया।