बलरामपुर,23 दिसंबर 2013
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, नई दिल्ली के उद्यानिकी विशेषज्ञ तथा पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के उद्यानिकी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. योगराज चनाना तथा राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, नई दिल्ली के उपनिदेशक श्री अनिल कुमार ने कृषि विज्ञान केन्द्र बलरामपुर के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. अरुण त्रिपाठी तथा उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक श्री मनोज अम्बष्ठ के साथ शासकीय उद्यान ओबरी तथा कृषि विज्ञान केन्द्र का भ्रमण कर विभिन्न गतिविधियों की जानकारी ली द्य शासन द्वारा राज्य की सभी शासकीय तथा निजी रोपणियों के लिए पौध उत्पादन हेतु राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के द्वारा निरीक्षण उपरांत अधिकृत होना अनिवार्य कर दिया गया है। डॉ. चनाना एवं श्री कुमार ने ओबरी उद्यान में वैज्ञानिक ढंग से पौध प्रवर्धन हेतु अनेक सुझाव दिए। उक्त भ्रमण में कृषि विज्ञान केन्द्र बलरामपुर के वैज्ञानिक श्री बल्देव अग्रवाल तथा कृषि विभाग के श्री सोनी भी उपस्थित थे। डॉ. चनाना एवं श्री कुमार ने कृषि विज्ञान केन्द्र की गतिविधियों की जानकारी ली तथा वहाँ चल रहे कृषक संगवारी प्रशिक्षण में जिले के वाड्रफनगर एवं राजपुर विकासखंड के कृषक संगवारियों से चर्चा की तथा जिले में फलोद्यान तथा सब्जी फसलों की वैज्ञानिक खेती करने का सुझाव दिया। उन्होंने कृषकों को अंदाज, अनुमान से उर्वरकों का प्रयोग नहीं करने की सलाह दी तथा वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में मृदा परीक्षण उपरान्त फसल विशेष की आवश्यकतानुसार ही खाद उर्वरकों का प्रयोग करने को कहा। उन्होंने बताया कि आम फलों का रजा है, इसे खाने से आँखों की बीमारी दूर होती है, जिले में सिंचित रकबा कम है, अतः फलोद्यान विकास विशेषतः आम, लीची, अमरुद, पपीता, मुनगा, नाशपाती की अच्छी सम्भावना है। किसानों ने विशेषज्ञों से पपीता तथा आँवला की फसल में फल नहीं लगने एवं तना भेदक कीट के प्रबंधन के बारे में जानना चाहा, जिसका वैज्ञानिकों द्वारा समाधान किया गया। उपनिदेशक श्री अनिल कुमार ने महाराष्ट्र के वर्धा जिले के किसानों का उदाहरण देते हुए कहा कि उस क्षेत्र के किसानों ने समूह बनाकर सब्जियों की खेती 50 एकड़ में कर लाखों रुपये कमा रहे हैं। श्री अम्बष्ठ ने किसानों को उद्यानिकी विभाग की योजनाओं की जानकारी दी तथा लाभ लेने का आग्रह किया। कृषि विज्ञान केन्द्र के डॉ. त्रिपाठी ने किसानों से वैज्ञानिक ढंग से प्रत्येक बाड़ी में आम, लीची, पपीता, मुनगा तथा सब्जी फसलों की खेती कर लाभ लेने का अनुरोध किया। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों श्री ए.के. सोनपाकर, बलदेव अग्रवाल, प्रदीप कुमार, डॉ. अभय कुमार तथा अनूप पौल ने भी किसानों की समस्याओं का समाधान किया। सहायक संचालक, उद्यान श्री एम. के. अम्बष्ठ ने आभार व्यक्त किया।