बलरामपुर (कृष्णमोहन कुमार) जिले में कृषि विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है,ग्राम बरदर के किसानों ने आरोप लगाया है कि खरीफ फसल की बोआई के पूर्व कृषि विभाग द्वारा किसानों को निशुल्क दी जाने वाली खाद और दवाइया किसानों को समय पर नही दी गई, वही कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी अब इस सम्बंध में बेतुका जवाब दे रहे है।
दरअसल छत्तीसगढ़ में किसानों को खरीफ फसल लगाने से पहले खाद और खरपतवार नाशक दवाइया निशुल्क प्रदाय की जाती है,लेकिन कृषि विभाग के लापरवाही के चलते किसानों को शासन द्वारा दी जाने वाली खाद और आवश्यक कीटनाशक दवाइया समय पर नही मिल पाई है,जिसके कारण किसान आक्रोशित है।
अन्नदाताओं ने लगाए थे अपने पैसे
कृषि विभाग की इस लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है,वही गाव के कुछ बड़े किसानों ने अपने व्यय पर खाद और कीटनाशक खरीद कर अपने फसल में उसका उपयोग कर लिया है,तो वही कृषि विभाग अब खरीफ की फसल खड़ी होने के बाद अन्नदाताओं को खाद और आवश्यक कीटनाशक दवाएं मुहैय्या करा रही है,जिसका उपयोग अब किसान नही कर पाएंगे ,क्योकि विभाग की ओर से दी जाने वाली ये आवश्यक सामग्रिया खरीफ फसल लगाने के समय उपयोग की जाती है,लिहाजा अब इन खादों और खरपतवार नाशक दवाइया किसानों के किसी उपयोग की नही रह गई है।
वही कृषि विभाग का मैदानी अमला भी यह मानता है कि वर्तमान समय मे किसानों को दी जा रही कीटनाशक दवाओं और खाद का कोई उपयोग नही है,क्योकि किसानों की फसल अब पक कर तैयार होने के कगार पर है।
जीएसटी का बहाना
वही कृषि विभाग के अधिकारी अब इस सम्बंध में जीएसटी का हवाला देकर समय पर कीटनाशक और खाद सामग्रियों की खरीदारी नही किये जाने की बात कह कर अपनी जिम्मेदारियो से बचते नजर आ रहे है,इसके अलावा कृषि विभाग के उपसंचालक किसानों द्वारा पैसे लगाकर कीटनाशक और खाद खरीदे जाने के सवाल पर बेतुका जवाब दे रहे है।
कृषि मंत्री के प्रभार वाले जिले में कृषि विभाग की लापरवाही
राज्य के कृषि मंत्री के प्रभार वाले जिले के किसानों ने समय पर खाद और कीटनाशक दवाइया विभाग द्वारा निशुल्क मुहैय्या नही कराए जाने के जो आरोप किसान लगा रहे है ,इन आरोपो को गम्भीरता से लेकर जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही कराए जाने की दरकार है।