Parasnath Singh
Published: May 11, 2018 | Updated: August 31, 2019 1 min read
बालोद (जागेश्वर सिन्हा) जिले में शुद्ध दूध के नाम पर मिलावटी दूध का कारोबार जमकर फलफूल रहा जो इन दिनो धड़ल्ले से जारी है।बता दे कि वर्ष 2018 के इन 5माह में खाद्य एवं स्वास्थ्य ओषधि विभाग द्वारा जिले के अलग अलग ब्लाकों में कुल 23 दुकानों की दूध के सेम्पल लिए है। वही दूध के सैम्पल लेने जिले में 2 कर्मचारी भी उपलब्ध है।बता दे कि 23 दुकानों के लिए गए सेंपल में 10 दुकानों की सेम्पल जांच में फेल हुवे है।इससे ये अंदाज लगया जा सकता की जिले में किस तरह तेजतर्रार मिलावटी दूध का कारोबार फलफूल रहा है।वही दूध वर्तमान समय में हर आम और खास की प्रतिदिन की आवश्यकता है।ऐसे में यदि दूध में हानिकारक पाउडर दूध की मिलावट हो तो यही दूध स्वास्थ्यवर्धक जहर का काम करता है।
घटती खेती का असर दूध पर
जिले में घटती खेती का असर पशुपालन में भी पड़ा है। जिसके चलते सामान्य पशुओं के साथ-साथ दुधारू पशुओं की संख्या लगातार कम हुई है। पहले जिले के ग्रामीण क्षेत्रो के अधिकांश घरों में गाय ,भैंस होती थी। औसत बारिश के दिनों में बरसात में गिरावट के चलते खेती घटती चली आ रही है।और बरसात पर निर्भर खरीफ फसल में सूखे जैसे हालात बनने लगे। ऐसी स्थिति निरंतर बनी रहने से पशुचारा बेहद महंगा मिलने लगा है। परिणामस्वरूप लोगों ने घरों में पशु रखने कम कर दिए। अब किसी-किसी घर में ही दुधारू पशु नजर आते हैं।जिसका फायदा उठाकर मिलावटखोर सफेद जहर तैयार कर उसकी सप्लाई में जुटे हैं। वही इस भीषण गर्मी में पशुओं में दूध की कमी का फायदा भी मिलावटखोरों के लिए वरदान साबित हो रहा है। धंधे से जुड़े लोगों की मानें तो पहले दूध में केवल पानी की मिलावट ही की जाती थी, लेकिन अब नकली सथेटिक पाउडर दूध तैयार कर दूध में मिलाया जाने लगा है।
मिठाइयों सहित बनते हैं अन्य पदार्थ
बता दे कि इन मिलावटी दूध से मिठाई, दही, पनीर सहित अन्य खाद्ध व पेय पदार्थ भी बनाए जाते हैं। इन खाद्ध व पेय पदार्थों की खपत भी जिले में बहुत अधिक होती है। मिलावटी दूध से बने ये पदार्थ लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डाल सकते हैं। दूध को गाढ़ा करने के लिए इसमें हानिकारक पाउडर, भी मिलाए जाते हैं। जो स्वास्थ्य के बेहद हानिकारक है।
ये हैं आदेश..सुप्रीम कोर्ट ने दूध के मिलावट के संबंध में दूध के अधिक से अधिक नमूने लेकर जांच के लिए भेजने के आदेश दिए हैं। व अमानक पाए जाने पर संबंधित पर नियमानुसार कार्रवाई करने एवं डेयरी संचालकों, फुटकर दूध विक्रेताओं के दूध की नियमित चेकिंग कर प्रयोग शाला में नमूने भेजने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन के जिम्मेदारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की है।
मिलावटी दूध से मिलेगी राहत
बता दे कि जिले के कलेक्टर सारांश मित्तर के अथक प्रयास से जिले में 80 लाख रुपए की लागत से मिल्क पेस्टयूराईजेशन एवं चिलिंग प्लांट खुल रहा है।जिसकी तैयारी पूर्ण कर ली गई है व इस माह होने वाले विकास यात्रा में आ रहे मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के द्वारा शुभारंभ होगी। जिससे जिलेवासियों को शुद्ध दूध दही मक्खन मिलेगा।साथ ही छोटे छोटे दूध उत्पादक अपने दूध को सीधे प्लांट पर सप्लाई कर सकते हैं।और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।