कहने को तो ओडीएफ जिला है..लेकिन आज भी यहाँ अधुरे हैं शौचालय
फर्जी रूप से ओडीएफ घोषित हो चुका है.. भैयाथान जनपद
सूरजपुर (पारसनाथ सिंह) स्वच्छ भारत अभियान के तहत् भैयाथान जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत लक्ष्मीपुर को ओडीएफ का तमगा मिल चुका है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब सूरजपुर जिले के जिला पंचायत उपाध्यक्ष गिरीश गुप्ता ने पदयात्रा कर शौचालय निर्माण की गड़बड़ी और समस्याओं से ग्रामवासीयों के द्वारा अवगत हुए। इधर ग्राम पंचायत सचिव ने फर्जी ओडीएफ होना लिखित रूप में स्वीकार कर एक माह के भीतर शौचालय पूर्ण कराने की बात कही है। वहीं जिले के अधिकारी शौचालय न बनने के बाद भी चुप्पी साधे हुए हैं। लक्ष्मीपुर में 50% शौचालय ही पूर्ण हुए हैं। जो की आधे-अधूरे और घटीया स्तर के बने हैं। जिसमें ना तो सही मॉनिटरिंग के हिसाब से काम हुआ है और ना ही सही मटेरियल का उपयोग किया गया है। कहीं गड्ढा नहीं हैं, तो किसी मे चेम्बर नहीं है। कोई बना भी है तो दरवाजा नहीं हैं। आखिर किसके देख रेख में रिपोर्ट उपर अधिकारीयों तक भेजी गई। आज भी शासकीय गतिविधियों पर सवाल उठ रहे हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है। पहले घटीया स्तर का शौचालय बनवाये और जमकर कमीशन खोरी की और फर्जी रूप से ओडीएफ का पुरूस्कार भी ले लिया। जिले में पंचायत के माध्यम से ग्रामीणों से शपथ पत्र लेने का मामला प्रकाश में आया है। ओर घटीया स्तर का शौचालय ग्रामवासीयों के मत्थे सौंपा जा रहा है।
फर्जी ओडीएफ का ले लिया तमगा…
भैयाथान जनपद में भ्रष्टाचार का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है कि आज पूरे जनपद में लगभग 30% गॉव में शौचालय नही बन पाये हैं। और प्रशासनिक अधिकारीयों के मिलीभगत से सरपंच सचिव शासकीय राशि का धड़ल्ले से दरुपयोग कर रहे हैं। और न ही कोई सुनने वाला है न ही कोई जाचने वाला..
जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने किया निरीक्षण व लगाई फटकार…
जब इसकी जानकारी जिला पंचायत उपाध्यक्ष व क्षेत्रीय जिला पंचायत सदस्य गिरीश गुप्ता को मिली तो उन्होंने तत्काल लक्ष्मीपुर गाँव में पहुँच कर शौचालय का निरीक्षण किया व मनमाने ढंग से कार्य कर रहे सचिव को जमकर फटकार लगाई व जनपद सीईओ को तत्काल कार्य करने को निर्देशित किया एवं ग्रामीणों को उचित कार्य करने का भरोसा दिलाया। जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने सचिव को फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार की महत्वकांक्षी योजना का पलीता अधिकारी/कर्मचारी लगा रहे हो। मेरे रहते ऐसा नहीं चलेगा।
आखिर कौन लेगा इसकी जिम्मेदारी…
ओडीएफ का तमगा लेने में मशगूल अधिकारी जमीनी सच्चाई से कोसों दूर हैं। इनके द्वारा ग्रामीणों व स्वच्छ भारत मिशन के तहत शासन के योजनाओ का पूरा मजाक बना दिया गया है। कहीं भी शौचालय पूरी तरह नही बन पाई है और बनी भी है तो पूरी तरह से अमानक स्तर की और तो सवाल ये है कि आखिर इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा…