भैयाथान (संदीप पाल) सूरजपुर जिले के ओड़गी विकाशखण्ड के ग्राम पंचायत लांजीत सहित आस पास के लगभग 50 हेक्टर से भी ज्यादा किसानों के खेतों में धान की फसल में गम्भीर बीमारी का प्रकोप लगने के कारण अब पूरी तरह से धान मर रहे है । वही किसानों का आरोप है कि कृषि विभाग के किसी भी अधिकारियों या ग्राम सेवक के द्वारा इस क्षेत्र का आज तक दौरा नही किया है और ना ही किसानों की फसल की आज तक फसल बीमा किया गया है.. इस गम्भीर बीमारी के लिए कृषि विभाग के द्वारा इस क्षेत्र में कोई भी कीट नाशक प्रदान नही किया गया है।
ग्राम लांजीत के ग्रामीण किसान उमेस्वर,रावेन्द्र, समैसल,राम,अशेष, सुभाष,चंदा, हरबन्सी,रामानुज,मुकेसबल,और अन्य किसानों ने फटाफट सवांददाता को जानकारी देते हुए बताया कि कृषि विभाग द्वारा आज तक इस क्षेत्र का दौरा तक नही किया है और पहुँचविहीन होने के कारण सब अपनी कागजो में ही सही बताकर आंकलन जिला प्रशासन को भेज दिया जाता है.. लेकिन यहा की वास्विकता कुछ और ही है यहा के किसानों ने कृषि विभाग ओड़गी को बार बार जानकारी दी परन्तु आना मुनासिब नही समझा गया..यहा लगभग 50 हेक्टर से भी ज्यादा किसानों के खेतों में भयंकर बीमारी का प्रकोप पिछले एक महीने से लगा हुआ है.. यहां के किसान इस बीमारी को जान ही नही रहे कि यह कौन सी बीमारी है ।और 50 हेक्टर की धान की फसल अब मरने की कगार पर है लगभग 25 हेक्टर की धान की फसल पूरी तरह से अब पैरा हो चुकी है… जिससे किसानों के खाने पीने का आर्थिक संकट मंडरा रहा है और इस गम्भीर बीमारी से लगभग 50 प्रतिसत धान खराब हो चुका है ।
ज्ञात हो कि 2016 में कुप्पा व खोरमल मार्ग पर बने रेड नदी का पुल बह गया था और यहा के ग्रामीणों का सूरजपुर जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया था और वैकल्पिक तौर पर नाव ही एक सहारा बना हुआ है और नाव में नदी पार होने का किराया जो गरीब किसान है उनके पास नही होने के कारण भी इन्हें और दिक्कत हो रही है.. जिसमे 18 पंचायत सामिल है जिनकी आबादी लगभग 14 हजार लोग प्रभावित हुए है और इस कारण आज तक यहा कृषि विभाग के द्वारा इस छेत्र का दौरा नही किया जा सका है।
यहा के ग्रामीण ने बताया कि फसल बीमा भी उनका कृषि विभाग द्वारा नही किया गया है.. जिससे उनका बीमा का पैसा मिल सके और उनके द्वारा जो फसल में लागत लगाया गया था वह मिल सके.. वही यहा के ग्रामीण ने कहा है की 5 दिन के अंदर अगर कृषि विभाग द्वारा इस रोग की इलाज व किट नासक की दवाई नही दिया गया तो उग्र प्रर्दशन किया जाएगा जिसका जिमेदार कृषि विभाग होगा।