रायपुर, कोंडागांव/जगदलपुर। नक्सल विरोधी अभियान के तहत कोंडागांव जिले के नहकानार जंगल से पुलिस ने सर्चिग के दौरान एक लाख के इनामी नक्सली सोनधर उर्फ जंगलू निवासी नहकानार रेंगापारा को गिरफ्तार किया है।
एसपी अभिषेक मीणा ने बताया कि मुख्यालय से डीआरजी की टीम ग्राम छोटे उसरी की ओर सर्चिग पर निकली थी। इस दौरान मुखबिर सूचना के अधार पर जंगल में घेराबंदी कर एक व्यक्ति को पकड़ा गया। पूछताछ के दौरान इसकी शिनाख्ती छोटे उसरी जनताना सरकार के सदस्य के रूप में हुई। पकडे़ गए नक्सली पर शासन से एक लाख रुपए का इनाम घोषित है। बताया गया है कि सोनधर वर्ष 2005 में नक्सली संगठन में शामिल हुआ था। उसे जनताना सरकार सदस्य बनाया गया था। वर्ष 2010 में एलओएस में भर्ती किया गया। पकडे़ गए नक्सली सोनधर ने वर्ष 2006 में अन्य नक्सलियों कोसा, मंगतू, सीताराम व राजू के साथ मिलकर मर्दापाल स्थित स्कूल भवन में तोड़फोड़ किया था। इसके अलावा पुलिस पार्टी में फायरिंग करने, मर्दापाल साप्ताहिक बाजार में आरक्षक सुखचंद साहू की हत्या आदि वारदात में उसका हाथ होना बताया गया है। पुलिस ने नक्सल आरोपी को न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेजा गया है।
मुठभेड़ में चार नक्सली गिरफ्तार
जगदलपुर [ब्यूरो] । बीजापुर जिले के फरसेगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम आदेर में शनिवार को पुलिस व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। इसके बाद जंगल की ओर भाग रहे एलओएस डिप्टी कमांडर समेत चार वर्दीधारी नक्सलियों को पकड़ा गया है।
इनके कब्जे से बंदूक समेत अन्य विस्फोटक सामग्री जब्त किया गया है। एसपी बीजापुर केएल धु्रव ने बताया कि थाना फरसेगढ़ से सीआरपीएफ व जिला बल की संयुक्त पार्टी सर्चिग के लिए रवाना हुई थी।
इस दौरान आदेड़ की पहाड़ियों में घात लगाए बैठे नक्सलियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई करते गोलियां चलाई। करीब आधे घंटे तक चली गोलीबारी के बाद पुलिस को भारी पड़ता देख नक्सली भाग खडे़ हुए। इस दौरान जंगल की ओर भाग रहे चार नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
इनकी शिनाख्ती फरसेगढ़ एलओएस की डिप्टी कमांडर सोनी कड़ती उर्प बेनिला, सदस्य पाईकी कारम, पुनेम नानी तथा माड़वी विच्चेम के रूप में हुई है। पकडे़ गए नक्सलियों से एक 12 बोर बंदूक, सात नग डेटोनेटर, पिठ्ठू, पेट्रोल बम आदि बरामद किया गया है।
मलांगीर एलओएस सदस्या गिरफ्तार
दंतेवाडा [ब्यूरो]। पुलिस महानिरीक्षक बस्तर एसआरपी कल्लूरी के निर्देशन एवं पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप के मार्गदर्शन में नक्सलियों द्वारा बस्तर बंद के दौरान नक्सल विरोधी अभियान के तहत शनिवार को जिला पुलिस बल एवं सीआरपीएफ 111वीं बटालियन डी कंपनी कुआकोंडा की संयुक्त पुलिस पार्टी ने भाकपा माओवादी मलांगीर एरिया कमेटी के अंतर्गत सक्रिय क्रांतिकारी महिला संघ की अध्यक्षा एवं एलओएस में गत चार वर्षो से सक्रिय सदस्या मुडे़ उर्फ मुक्के पिता स्व मंगडू कुंजाम [21] निवासी बडे़ बेड़मा को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। ज्ञात हो कि 8 जुलाई 2010 को नकुलनार निवासी कांग्रेसी नेता अवधेश गौतम के निवास में हुए नक्सली हमले में उक्त महिला शामिल थी जिसके विरुद्ध न्यायालय द्वारा स्थायी वारंट जारी किया गया था। इसके विरुद्ध नई पॉलिसी के तहत एक लाख रुपए का इनाम घोषित है।
स्टेशन लूटने बाइक पर आए थे नक्सली
जगदलपुर/किलेपाल [ब्यूरो]। किरंदुल व जगदलपुर रेल सेक्शन की सीमा पर जंगल के बीच स्थित काकलूर रेलवे स्टेशन लूटने नक्सली लीडर मोटर सायकल में पहुंचे थे। मोटर सायकल में पहुंचने वाले नक्सलियों की संख्या पांच से छह थी।
इनके पहुंचने के बाद ही वहां पहले से आसपास छिपे नक्सलियों ने स्टेशन में धावा बोला था। शनिवार को स्टेशन लूटने की घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार रात करीब साढे़ दस बजे चार-पांच मोटर सायकल स्टेशन के दूसरी ओर पटरी के पार आकर रूकी।
उस समय ड्यूटी पर तैनात स्टेशन मास्टर राजेश कुमार व टोकन पोर्टर व्ही रामाराव कंट्रोल रूम में ड्यूटी पर थे। नक्सली बंद के आव्हान को देखते हुए ट्रेनों का नाइट मूवमेंट बंद था इसलिए ट्रेनें नहीं आ-जा रही थी। इस कारण दोनों कर्मचारी कमरा बंद कर अंदर थे। मोटर सायकल की आवाज सुनकर स्टेशन मास्टर ने टोकन पोर्टर व्ही रामाराव को देखने के लिए बाहर भेजा।
रामाराव उस स्थान तक गया जहां मोटर सायकलें आकर खड़ी हुई थी। रामाराव ने लोगों से उनके आने का कारण पूछा इसी दौरान कुछ नक्सलियों ने उसके सिर पर बंदूक तान दी। फिर उसी हालत में उसे लेकर स्टेशन पहुंचे। तब तक यहां-वहां छिपे बैठे नक्सली भी सामने आ गए। आते ही नक्सलियों ने सबसे पहले फोन के तारों को काटा और दोनों कर्मचारियों के मोबाईल, सरकारी फोन के डिब्बे तथा कम्प्यूटर को अपने कब्जे में ले लिया। राजेश कुमार का निजी लैपटॉप भी नक्सलियों ने ले लिया। कंट्रोल रूम तथा रिले रूम में तोड़फोड़ करने के बाद जाते समय नक्सलियों ने कहा कि वह जा रहे हैं। उनके जाने के बाद घटना की सूचना रेलवे के उच्चाधिकारियों को दे दी जाय।
ढाई साल से काकलूर पर टारगेट
दक्षिण बस्तर की सीमा पर स्थित मध्य बस्तर जिले का पहला रेलवे स्टेशन काकलूर तेजी से नक्सलियों के चंगुल में जा रहा है। यहां पहली वारदात नक्सलियों ने 19 सितंबर 2012 को अंजाम दिया था। उस समय नक्सलियों ने रेल पटरी उखाड़कर मालगाड़ी गिराई थी। तब से लेकर अब तक काकलूर व इसके आसपास कम से कम छह बार नक्सली रेलवे को निशाना बना चुके हैं। शुक्रवार रात काकलूर स्टेशन लूटने के पहले इसी साल 12 मार्च 2014 नक्सलियों ने पटरी उखाड़क एक मालगाड़ी के इंजनों को पुल से गिरा दिया था। काकलूर केशलूर-गीदम सड़क मार्ग में ग्राम कोडे़नार, किलेपाल व बास्तानार से 15 से 18 किलोमीटर की दूरी पर हैं। यहां पहुंचना आसान नहीं है। यहां सिर्फ मोटर सायकल व चार पहिया वाहन से ही पहुंचा जा सकता है। बसें नहीं चलती हैं इसलिए स्वयं के वाहन से ही पहुंचा जा सकता है।
सर लैपटॉप दे दीजिए पर्सनल है
मोटर सायकल में आने वाले नक्सली घटना को अंजाम देनें के बाद वहां से पहले निकले। कुछ नक्सली बच गए थे। राजेश कुमार में इन्हीं नक्सलियों से विनती के लहजे में कहा सर प्लीज लैपटॉप दे दीजिए मेरा पर्सनल है। लैपटॉप के लिए गिड़गिड़ाते देख करीब दस मिनट बाद एक नक्सली ने आवाज देकर वहां पटरी के पार जा चुके नक्सलियों से लैपटॉप लौटाने को कहा। लैपटॉप स्टेशन मास्टर को वापस कर सभी नक्सली एक साथ वहां से निकल गए।घटना के बाद से रेल कर्मचारी दहशत में हैं।