अम्बिकापुर
रक्षाबंधन का पवित्र त्यौहार सरगुजा जिला के मेण्ड्रा गांव के लिए अभिशाप साबित हो गया । क्योकि एक तरफ जंहा पूरा गांव रक्षाबंधन का त्यौहार मना रहा था । वही दूसरी ओर गांव का ही एक बेटा अपने पिता को मौत के घाट उतार रहा था। फिलहाल पुत्र द्वारा पिता की जघन्य हत्या के मामले के बाद क्षेत्र की मणिपुर चौकी पुलिस ने आरोपी का गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस अभिरक्षा मे लाल रंग की सर्ट पहनकर खडे इस युवक का नाम लालचंद्र उर्प पिंटू है। जिस पर अपने पिता कन्नीलाल की हत्या आरोप है। दरअसल अम्बिकापुर से 10 किलोमीटर दूर मणिपुर चौकी क्षेत्र मे आने वाले मेण्ड्रा गांव मे भी कल पूरे देश की तरह रक्षाबंधन का त्यौहार शांति पूर्ण ढंग से मनाया जा रहा था। और गांव के कन्नीलाल के
परिवार मे भी बेटी दमाद और पूरा परिवार का इक्ठठा था। लेकिन शाम होते ही परंपरागत रुप से कन्नीलाल के घर भी चावल की शराब बनी और शराब पीने के दौरान ही मृतक कन्नीलाल ने किसी बात को लेकर अपनी पत्नी को मारना शुरु कर दिया। जो बात उसके बेटे पिंटु को रास नही आई, लिहाजा बीच बचाव के दौरान बेटे लालचंद्र ने धारदार हथियार बसुला से अपने पिता की छाती पर प्रहार कर दिया। इधर मणिपुर चौकी प्रभारी ग्रहण सिंह के मुताबिक घटना की सूचना रक्षाबंधन के दिन देर शाम मिली है। जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर शव को पोस्टमार्डम के लिए जिला अस्पताल लाया गया ।
मां की पिटाई से क्षुब्द बेटे लाल चंद्र ने धारदार हथियार अपने पिता पर हमला किया , तो पिता की मौत हो गई। लेकिन इस घटना के बाद रक्षाबंधन की खुशिया मातम मे तब्दील हो गई। इधर इस घटना के बाद घटना को देखने वाले मृतक कन्नीलाल के भाई चंदिका तिग्गा का कहना है कि भतीजे लालचंद्र द्वारा बीच बचाव करते वक्त धोखे से बलुसा कन्नीलाल के सीने मे लग गया है। जिससे उसकी मौत हुई है।
रक्षाबंधन की शाम हुई इस घटना के बाद खुशियां तो मातम मे तब्दील हो ही गई है, साथ ही पिता पुत्र का रिश्ता एक बार फिर कलंकित हुआ है। बहरहाल अगर कानून की किताब को हटाकर घटना की विवेचना की जाए, तो ये साफ हो जाएगा कि घटना की वजह मजह शराबखोरी थी। जिसकी छूट राज्य शासन ने आदिवासी परिवार को दे रखी है।