सूरजपुर
प्रतापपुर से राजेस गर्ग
प्रदेश के गृह जेल एवं लोक स्वाथ्य यांत्रीकी मंत्री के गृह विधान सभा क्षेत्र में राज्य सरकार कि महत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रदेश की जनता को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने एवं ग्राम स्वच्छता अभियान सूरजपुर जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों की लापरवाही एवं संवादहीन, अमानवीय कार्य प्रणाली से कागजों में सीमट कर रह गई हैं। राज्य शासन द्वारा जारी करोडों रूपये के आबंटन का धरातल पर विभागीय अधिकारी एवं ठेकेदारों द्वारा किये गये खुले बंदरबांट का प्रत्यक्ष प्रमाण क्षेत्र में कराये गये स्तरहीन कार्य हैं। पर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी न तो इन कार्यों के प्रति अपना शासकीय या मानवीय उत्तरदायित्व समझते है न ही कभी इसके समाधान का सार्थक प्रयास करते हैं। कभी शासन से पैसा नहीं मिलने और कभी कर्मचारी और संसाधनों की कमी का रोना रोने वाले अधिकारियों को न तो क्षेत्र की जनता को जल उपलब्धता से कोई सरोकार है न ही शासन प्रशासन के निर्देषों की परवाह। पर इन सब के बीच सूरजपुर जिले के कई ग्रामों की जनता स्वच्छ पेयजल की कमी से अषुद्ध निस्तारी जल से प्यास बुझाने को मजबूर हैं।
सूरजपुर जिले के प्रतापपुर विकास खण्ड में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा नल जल योजना के तहत पानी टंकी बनवा नल जल योजना के तहत पाईप लाईन विस्तार कराया गया पर इनमें कई पानी टंकियों को निर्माण के बाद से आज तक पानी नसीब नहीं हुआ। कहीं पम्प खराब, कहीं टंकी से पानी का रिसाव, कहीं- कहीं का निर्माण कार्य कई वर्षों बाद भी अधुरा पड़ा होने से, उपयोगहीन हो गया है और ग्रमीणों को जल उपलब्ध कराने के लिए बिछाई गई स्तरहीन पाईप या तो टूट गये हैं। या खराब हो चुके हैं। जल उपलब्ध कराने के लिए विधायक, सांसद के मद से एवं शासन की अन्य योजनाओं से हजारों हैण्डपम्प खुदवाएं गये हैं। पर सुदुर ग्रामीण क्षेत्रों में लगे अधिकांष हैण्डपम्प खराब पड़े हैं। इन्हें सुधारने के लिए कई बार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यालय में सब इंजीनियर से लेकर कार्यपालन यंत्री तक ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा लिखित एवं मौखिक निवेदन किया गया पर खराब हैण्डपम्प सुधारे नहीं गये इस मामले में इन पर विभागीय मंत्री का निर्देष भी बेअसर रहा हैं। ग्राम स्वच्छता अभियान के तहत जिले में कराये गये अधिकांष कार्य अधुरे एवं अनुपयोगी हैं। इसमें तो विभाग के कई तकनिकी अधिकारी कर्मचारी संबंधित ठेकेदारों के साथ पार्टनरषीप कर लाखों रूपये का वारा न्यारा कर चुके हैं। पर खुद से अपने हिस्से की पूंजी लगाने के बाद भी हितग्राही खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा हैं। पर उसकी सुने कौन।
पानी को तरस रहे हैण्डपम्प, शो पीस बनी पानी टंकी
विकास खण्ड प्रतापपुर के ग्राम केरता, पम्पापुर, खडगवां, जगन्नाथपुर में वर्षों पूर्व पानी टंकी का निर्माण कर पानी सप्लाई के लिए पाईप लाईन विस्तार कराया गया। निर्माण काल से ही कार्य की गुणवत्ता पर ग्रामीणों ने विभाग के पास कई बार षिकायत की जैसे तैसे कार्य तो पूरा हुआ पर लगभग बारह वर्ष बाद भी आज तक ग्रामीणों को पानी उपलब्ध नहीं हो पाया। जनपद के कई ग्राम पंचायतों में हैण्डपम्प खराब पड़े है। जिसे कई सूचनाओं के बाद भी विभाग के द्वारा सुधार के लिए कोई सार्थक पहल नहीं की जा रही हैं।
कमाई ऊपर ही नहीं जमीन के नीचे से भी होती हैं
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा खुदवाये जाने वाले हैण्डपम्प, लगाये जाने वाले पम्प एवं अन्य सामाग्री के सप्लायरएवं ठेकेदारों से सांठगांठ कर की जाने वाली कमाई तो आम बात हो गई है। पर इनकी कमाई जमीन के नीचे से भी होती हैं। जब भी इनके मैकेनीक हैण्डपम्प सुधारने जाते हैं खराब हैण्डपम्प में लगें पाईप की संख्या कम करते जाते हैं। क्षेत्र के अधिकांष हैण्डपम्पों की न तो इनके मानक के अनुरूप खुदाई हुई है न तो इनके द्वारा अंकित पाईप हैण्डपम्पों में लगे हैं। विभाग के पास न तो रिपेयरिंग के बाद निकाले गये खराब सामाग्री के भंण्डारण का समुचित लेखा जोखा है। नहीं नवीन सामाग्री खरीदी के और उसके उपयोग का विष्वसनीय ब्योरा ऐसे में कैसे साकार होगा प्रदेष सरकार की प्रदेष के सभी नागरिकों को पेयजल उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी योजना।
कहां जाता हैं मेंटनेंस का पैसा
जल उपलब्धता सेवा की व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने शासन से प्रति वर्ष सुधार कार्य के लिए राषि आबंटित की जाती हैं पर उक्त राषि जाती कहां हैं। इसका विभाग के अधिकारियों के पास बस एक ही जवाब है आवष्यकता के अनुरूप पैसा मिलता ही नहीं है। पर सुत्रों की माने तो जो पैसा इन्हें शासन से मेंटनेंस के लिए मिलता है इसका इनके द्वारा मनमाने तरिके से दुरूपयोग किया जाता हैं।
के.पी. देवांगन एसडीओ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग प्रतापपुर
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग प्रतापपुर के एसडीओ के.पी. देवांगन ने चर्चा के दौरान कहां की मै यहां अभी अभी पदभार लिया हंू। पहले हुए कार्यो की पूरी जानकारी मुझे नही है लेकिन जो कार्य नल जल योजना के तहत ग्राम पंचायतों में हुए है वो लगभग सभी ग्राम पंचायतों को हेन्डओवर कर दिऐ गये है।
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