प्रशासनिक अधिकारियों ने अस्पताल प्रबंधन से किया दुव्र्यवहार
अम्बिकापुर
रविवार की शाम सड़क दुर्घटना में बलरामपुर जिला पंचायत में पीएमआरडीएफ के पद पर पदस्थ अधिकारी की मौत व जिला अस्पताल में देर शाम हुये पोस्टमार्टम में के बाद शव सही तरीके से नहीं बांधने व कागजी कार्यवाही में लेट लतीफी का आरोप लगाते हुये बलरामपुर के प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल के सिविल सर्जन व आरएमओं पर भड़क गये। अधिकारियों ने जमकर खरी खोटी सुनाते हुये अंत में रिकार्ड रूम का ताला भी तोड़वा दिया। काफी देर तक अस्पताल में गहमा-गहमी का माहौल बना रहा। यह स्थिति उस वक्त निर्मित हुई जब अधिकारी की मौत की खबर पर अस्पताल में पहुंचे कमिश्नर, कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ बलरामपुर वहां से लौट चुके थे। बाकि के अन्य प्रशासनिक अधिकारी कागजी कार्यवाही पूर्ण करने व अधिकारी के शव को उसके गृह ग्राम पहुंचवाने के लिए रूके थे।
ज्ञात हो कि मूलत आसाम क्षेत्र के होमांजी निवासी सुरोमनि बोरो पिता सुकराम बोरो 31 वर्ष बलरामपुर जिला पंचायत में पीएमआरडीएफ के पद पर पदस्थ थे। रविवार को वे अधिकारिक काम से शंकरगढ़ गये थे। वहां से अपनी स्कार्पियों को स्वयं चलाते हुये वापस लौट रहे थे। उसी दौरान ग्राम पस्ता व बासेन के बीच उनकी वाहन अनियंत्रित होकर सड़क किनारे एक पेड़ से टकरा गई। जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गये। घटना के बाद उन्हे अम्बिकापुर अस्पताल लाया जा रहा था। रास्ते में उनकी मौत हो गई। अधिकारी की मौत की सूचना के बाद अस्पताल में प्रशासनिक अधिकारियों का तांता लग गया। कमिश्नर श्री महावर, बलरामपुर कलेक्टर अवनीश शरण, सरगुजा कलेक्टर श्रीमती ऋतु सैन, बलरामपुर जिला पंचायत सीईओ रणवीर शर्मा, बलरामपुर एसडीएम सहित अन्य अधिकारी अस्पताल पहुंचे थे। कलेक्टर के निर्देश पर शाम लगभग 6.30 बजे अधिकारी के शव का पोस्टमार्टम किया गया। अन्य अधिकारी पोस्टमार्टम के बाद आवश्यक कागजात जल्द से जल्द बनाने के लिए अस्पताल प्रबधन व पुलिस पर दबाव डाल रहे थे। इस बीच शव को पीएम उपरांत ठीक से नहीं बाधने पर बलरामपुर के अधिकारी भड़क गये। किसी तरह मामला शांत हुआ ही था कि कागजात बनाने में लेट लतीफी व प्रबंधन द्वारा एम्बुलेंश का प्रबंध करने में देरी को लेकर एक बार फिर अधिकारी आक्रोशित हो गये और सारा गुस्सा सिविल सर्जन ड. एनके पाण्डेय व आरएमओ ड. श्रीवास्तव पर उतार दिया। नौबत यहां तक आ गई कि कागजात में सील लगाने के लिए अधिकारियों ने रात में ही रिकार्ड रूम का ताला तक तोड़वा दिया। काफी गहमा-गहमी के बाद रात लगभग 11.30 बजे शव को एम्बुलेंश से रांची के लिए रवाना किया गया।
जल्दबाजी में जो हुआ हमने किया
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ड. एनके पाण्डेय अधिकारियों के द्वारा की गई इस बदसलूकी से काफी व्यथित दिखाई दिये। उन्होने कहा कि रात को ही उक्त घटना की जानकारी फोन से दी और स्वयं मिलने की बात कही। ड. पाण्डेय ने कहा है कि कलेक्टर से चर्चा के उपरांत अगर सही रूप से बदसलूकी करने वालों पर कार्यवाही न की गई तो आने वाले समय में चिकित्सकों के साथ वे हड़ताल तक करेगे। ड. पाण्डेय ने यह भी कहा कि उक्त अधिकारी के पोस्टमार्टम के पश्चात जो भी कागजी कार्यवाही जल्द बाजी में हो सकती थी, वह हमने किया था।