रायपुर,
बिलासपुर । इलाहाबाद से पिता से की अस्थि विसर्जित कर लौट रहे बेटे की मंगलवार सुबह छपरा- दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस में मौत हो गई। ह्दयघात से मौत होने की बात सामने आई है। जीआरपी ने मर्ग कायम कर मामले को विवेचना में लिया है।
ओडिशा के सोनपुर डुंगरीपाली निवासी नरहरि बगार [48] के पिता कंगालु बगार की पिछले दिनों मृत्यु हो गई थी। पिता की अस्थि विसर्जन के लिए वे इलाहाबाद गए थे। उनके साथ भाई सुदर्शन भी था। दोनों अस्थि विसर्जन के बाद इलाहाबाद से बिलासपुर तक छपरा-दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस से लौट रहे थे। मंगलवार सुबह ट्रेन करगीरोड से बिलासपुर के बीच पहुंची ही थी अचानक नरहरि के सीने में दर्द हुआ और बेहोश हो गए। उसकी हालात देखकर भाई घबरा गया। उसने तत्काल आरपीएफ के कंट्रोल रूम को सूचना दी। इसके बाद चिकित्सक तत्काल स्टेशन पहुंचकर ट्रेन के आने का इंतजार करने लगे। ट्रेन जैसे ही बिलासपुर पहुंची चिकित्सक ने संबंधित कोच में पहुंचकर यात्री की जांच की, लेकिन वह दम तोड़ चुका था।
चिकित्सक द्वारा मृत घोषित करने के बाद जीआरपी ने शव को नीचे उतरवाया और पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल में भेज दिया, जहां पंचनामा व पोस्टमार्टम के बाद जीआरपी ने शव को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया है।