अम्बिकापुर
सरगुजा वन वृत के सेमरसोत अभ्यारण में तीन करोङ की सङक पांच करोङ में बनाई गई ,लेकिन ना ही सङक का अस्तित्व बचा और ना ही अभ्यारण के नियमो कायदो का ध्यान में रखा गया ,, लिहाजा अब वन्य प्राणी विचरण क्षेत्र में बनाई गई इस सङक में वन मंत्रालय नें सरगुजा वन वृत्त के वन संरक्षक से एक सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी हैं ।
वर्ष 2008 में सेमरसोत अभ्यारण क्षेत्र के मुख्य मार्ग से खटवाबरदर तक साढे पांच किलो मिटर सङक का निर्माण कार्य शुरु किया गया । तीन करोङ बाईस लाख की प्रस्तावित सङक को पहले पांच करोङ बाईस लाख रुपयो में बनाया गया ,, लेकिन पहले दो साल में बनने वाली इस सङक को पांच साल में बनाया गया फिर जब सङक एक साल में ही उखङ गई तो उखङती सङक की तरह ये मामला भी परत दर परत खुलने लगा और आरटीआई के तहत प्राप्त दस्तावेजो से ये पता चला की सङक निर्माण में केवल आर्थिक अनियमितता ही नही बल्कि वन्य नियमो का उल्लघंन किया गया हैं ।
वन अधिनियम के तहत वन्य प्रणी विचरण क्षेत्र में बीना अनुमति सङक निर्माण करना कानूनन अपराध होता हैं ,,, लिहाजा आरटीआई कार्यकर्ता डी.के.सोनी ने जब मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय में की तो शिकायत पर संज्ञान लेते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने छत्तीसगढ वन विभाग से मामले की जांच कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं लेकिन अब जब वन मंत्रालय ने सरगुजा के वन संरक्षक से जांच कर रिपोर्ट एक सप्ताह में भेजने के आदेश दिए तब एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी सरगुजा के वन संरक्षक एस.के. सिंह जांच का ही भरोसा दे रहे हैं ।
इससे पहले भी ईटीव्ही ने खटवाबरदर में घटियां सङक निर्माण की खबर प्रमुखता से दिखाई थी जिससे घटियां निर्माण के मामले में जांच हुई थी ,, अब मामला इसी घटियां सङक के रिजर्व फॉरेस्ट में बनाने का सामने आया हैं और फिर से मामले की जांच चल रही हैं ,,लेकिन देखना हैं कि कहीं सङक निर्माण में हुई लीपापोती की तरह जांच में भी ना लीपापोती ना हो जाए ।
मामला अभ्यारण , वन्यप्राणी विचरण क्षेत्र मे बिना अनुमति सडक बनाने की है,, जिसकी जांच के लिए एक सप्ताह का वक्त था। लेकिन अभी तक जांच नही हो पाई है। मामला काफी संवेदनशाली है लेकिन ठेकेदार के दबाव के कारण मामले की जांच मे बाधा आ रहा है । चूंकि मामला अभ्यारण क्षेत्र मे सडक निर्माण है जो गैरकानूनी है इसलिए पीडब्लू़डी के अधिकारी और ठेकेदार पर अपराध दर्ज होना चाहिए।
एस.के.सिंह, वन संरक्षक ,सरगुजा वन वृत
अभ्यारण मे सडक बनाने के मामले मे शिकायत के बाद जांच के लिए मेरे पास निर्देश आय़ा है, जांच का जिम्मा मैने डीएफओ वाईल्ड लाईफ को दिया है, जांच मे जो पाया जाएगा उस आधार पर आगे कार्यवाही होगी।