चिरमिरी से रवि कुमार सावरे
- 35 हजार लोगों के कराया पंचीयन, किसी को नही मिली सरकारी नौकरी
- हर साल जिले में हजारों बेरोजगार कराते है नौकरी के लिए पंजीयन
जिला पंजीयन कार्यालय में सरकारी नौकरी के लिए हर साल हजारों की संख्या में बेरोजगार युवक-युवतिया पंजीयन करा रहै है। लेकिन जबा नौकरी की बात आती है, तो सभी के चहरे मायूस हो जाते है।
सरकारी नौकरी की चाह में हर साल हजारों बेरोजगार जिला पंजीयन कार्यालय पहुंच कर पंजीयन करा रहें है। इसमें बेरोजगारों की फौज तो तैयार हो रही है। लेकिन उन्हें सरकारी नौकरी नसीब नहीं हो रही है। जिला पंजीयन कार्यालय में 2010 से अब तक 35564 बेरोजगारों ने सरकारी नौकरी के लिए पंजीयन कराया। लेकिन अब तक एक को भी सरकारी नौकरी नहीं मिली है। हालाकि 2012 से अब तक 1026 को प्राइवेट कंपनियों के माध्यम जाॅब मिली है। उधर, योजना रोजाना सैकड़ों युवा सरकारी नौकरी की उम्मीद लेकर जिला पंजीयन कार्यालय पंहुचतें है। और अपने दस्तावेज नौकरी के लिए कार्यालय में जमा करा रहें है।
विकलांगो को भी नहीं मिल रही नौकरी
कार्यालय में विकलांग बेरोजगार भी सरकारी नौकरी लिए पंजीयन करा रहें है। लेकिन अधिकारीयों की लापरवाही से बेबस विकलांगों को भी सरकारी नौकरी नसीब नहीं हो रही है। चार साल में करीब 200 विकलांगों ने सरकारी नौकरी के लिए जिला रोजगार पंजीयन कार्यालय में पंजीयन कराया। लेकिन अब तक एक भी विकलांग को सरकारी नौकरी नहीं मिली है।
कागजों की रद्दी हो रही जमा
बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए जिला रोजगार पंजीयन कार्यालय खोला गया है। हर साल हजारों की संख्या में बेरोजगार यहां पंजीयन करा रहै हैं। कार्यालय में दस्तावेज जमा कर लेते है। लेकिन विभाग षिक्षित युवाओं को नौकरी नहीं दिला सका। कार्यालय में बस कागजों की रद्दी की जमा हो रही है। लेकिन बेरोजगारों को नौकरी नहीं मिल रही है ।
फैक्ट फाईल
1. 04 साल में 35728 लगभग ने कराया पंजीयन
2. 20120 से अब तक किसी को नहीं मिली सरकारी
नौकरी
3. 1026 को मिली प्राइवेट जाब
स्थिति जिला रोजगार पंजीयन कार्यालय
वर्ष पंजीयन विकलांग
2011 08461 093
2012 13185 164
2013 91613 096
2014 4936 041
इस विषय मे जब पत्रिका ने जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्षन केन्द्र के अधिकार, सुनील कुमार से बात की तो उनका कहना था:- हर विभाग ने अपना खुद का बोर्ड का गठन कर लिया है। इस कारण लोगों को सरकारी नौकरी नहीं मिल रही है।