तम्बाकु निषेध दिवस पर जिला चिकित्सालय में कार्यक्रम
अम्बिकापुर
विश्व तम्बाकु निषेध दिवस 31 मई को जिला चिकित्सालय के ओ.पी.डी. कक्ष में मनाया गया, जिसमें भाषण प्रतियोगिता व पोस्टर प्रदर्शन के द्वारा तम्बाकु व तम्बाकु से सबंधित उत्पाद से हो रहे दुष्परिणाम की जानकारी दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता संयुक्त संचालक स्वास्थ्य डा. गंभीर सिंह ठाकुर ने की, उन्होंने अपने संबोधन में तम्बाकु को केंसर बिमारी का प्रमुख कारण बताया। सिविल सर्जन डा. एन.के.पाण्डेय ने बच्चों में नशाखोरी की बढ़ती संख्या पर चिन्ता व्यक्त की और बताया कि बड़ों की अपेक्षा बच्चों के शरीर में तम्बाकु के दुष्परिणाम ज्यादा देखने को मिलते हैं। विशेषकर जब परिवार के कोई सदस्य धूम्रपान करते हैं ! पैथॉलॉजिस्ट डा. आजाद भगत ने तम्बाकु की सूक्ष्म मात्रा को भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया। तम्बाकु नियंत्रण कार्यक्रम के जिला अधिकारी डा. शैलेन्द्र गुप्ता ने सिगरेट एवं अन्य तम्बाकु उत्पाद अधिनियम कोटपा एक्ट 2003 के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में भाषण प्रतियोगिता में शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय की छात्राएं जयश्री शर्मा, निर्मला लकड़ा, रजनी राजवाड़े ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरूस्कार प्राप्त किया। पोस्टर प्रदर्शन में जयश्री, प्रियंका व देवेन्द्र यादव ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरूस्कार प्राप्त किये। कार्यक्रम में अस्पताल अधीक्षक डा. घनश्याम सिंह, डा. आर.एन.गुप्ता, डा. पार्थ, डा. शिवहरे, डा. अशोक, डा. अनुपम मिंज, डा. आकाश सिंह, डा.पी.के.सिन्हा, डा. एनामुल हसन जिला कार्यक्रम प्रबंधक डा. अनिता कंवर, नर्सिंग कॉलेज की छात्राएं एवं चिकित्सालय के कर्मचारी उपस्थित रहे।
क्या है कोटपा अधिनियम
कोटपा अधिनियम 2003 के तहत् सिगरेट और अन्य तम्बाकु उत्पाद अधिनियम 2003 अर्थात् कोटपा अधिनियम के अंतर्गत तम्बाकु के दुष्प्रभाव से दूसरों को बचाने के लिये कई कड़े प्रावधान किये गये हैं। इन प्रावधानों के तहत् 200 रूपये से 1 लाख रूपये तक का जुर्माना या 5 साल तक की कैद हो सकती है। इस नियम के तहत् सार्वजनिक स्थानों में धुम्रपान अपराध है। सार्वजनिक स्थानों के प्रभारी/मालिक हर प्रवेश द्वार एवं हर मंजिल में सुस्पष्ट स्थान पर 60 ग 30 सेमी. का सफेद पृष्ट भूमि का बोर्ड लगाना सुनिश्चित करें। बोर्ड के नीचे प्राभारी/मालिक जिसके पास उल्लंघन की शिकायत की जानी है, का नाम व फोन नम्बर लिखा हो, यदि सार्वजनिक स्थानों का मालिक/प्रभारी उल्लंघन करने पर कार्यवाही नहीं करता है तो उस पर कार्यवाही की जा सकती है।
सार्वजनिक स्थान पर सिगरेट, लाइटर एवं बीड़ी जलाने के लिये उपकरण उपलब्ध नहीं करवाये जायेंगे। केवल तीस कमरों से ज्यादा वाले होटल या तीस व्यक्ति से ज्यादा बैठने की क्षमता वाले भोजनालय एवं एयरपोर्ट में अलग से स्मोकिंग जोन प्रावधानों के अनुरूप बनाया जा सकता है।
तम्बाकु पदार्थों के प्रत्येक विज्ञापन पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। तम्बाकु पदार्थों को बेचने वाली दुकान पर 60 ग 45 सेमी. का बोर्ड लगा होना आवश्यक होगा, जिसमें तम्बाकु से कैंसर होता है, लिखा होना चाहिये।
18 वर्ष से कम आयु वर्ग को तम्बाकु पदार्थ बेचना या उनके द्वारा बिक्री अपराध है। इससे संबंधित बोर्ड भी तम्बाकु बेचने वाले दुकान में लगा रहना चाहिए।
शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरों में तम्बाकु पदार्थ बेचना अपराध है। शिक्षण संस्थानों के प्रभारी को प्रत्येक प्रवेश द्वार पर एक बोर्ड लगाना आवश्यक है। जिसमें उक्त बात का स्पष्ट उदाहरण हो।
बिना चित्रित व वैधानिक चेतावनी के तम्बाकु पदार्थ के पैकेट बेचना अपराध है। यह चित्रित वैधानिक चेतावनी उपभोक्ता को बेचे जाने वाले प्रत्येक पैकेट के 40 प्रतिशत् भाग पर स्पष्ट रूप से छपा होना आवश्यक है। टेलीविजन एवं फिल्मों में तम्बाकु दृष्यों को दिखाना अपराध है।