नगरीय निकाय चुनाव के स्थगन के बाद कही खुशी कही गम

अम्बिकापुर 

नगरीय चुनाव पर लगी रोक के बाद कही खुशी कही गम जैसा माहौल है। कांग्रेस हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत कर रही है और कांग्रेस नेता इसे परिसीमन मे हुई गडबडियो मे सुधार के लिए ठीक बता रहे है। तो भाजपा के मुताबिक वो चुनाव के लिए तैयार थे और मोदी रमन की लहर के साथ वो नगरीय निकाय मे भी परचम लहराने की तैयारी मे थे।

न्यायालय ने परसीन मे व्यापत वसंगतियो को लेकर नगरीय निकाय की अधीसूचना पर रोक लगा दी है । इसको लेकर अम्बिकापुर मे कांग्रेस के लोगो मे खुशी का माहौल है क्योकि कांग्रेस के मुताबिक वार्डो के परीसीमन मे जो गडबडियां रायपुर मे थी ।  वो विसंगतिया अम्बिकापुर मे भी व्यापत है। इधर हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद सरगुजा कांग्रेस के जिम्मेदारी पदाधिकारियो ने राहत की सांस भी ली है। क्योकि शहर के 48 वार्डो मे पार्षद पद की टिकट के लिए चल रही ऊहापोह की स्थिती से उन्हे कुछ दिन के लिए निजात मिला है । और शायद यही वजह है कि एक तरफ जंहा कांग्रेस जिला अध्यक्ष अजय अग्रवाल हाई कोर्ट के आदेश का स्वागत कर रहे है , वही दूसरी ओर ये भी कह रहे है कि प्रत्याशियो की जो सूची आज कल मे जारी होनी थी। वो नगरीय निकाय चुनाव की आगामी तिथी तक जारी नही की जाएगी।

वार्ड पार्षदो की टिकट बटवारे को लेकर भाजपा की भी स्थिती कोई अच्छी नही थी। क्योकि किसी किसी वार्ड मे भाजपा के पांच से अधिक टिकट के दावेदार सामने आ गए थे। हांलाकि भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष अनुराग सिंह के मुताबिक वो चुनाव के लिए तैयार थे। और रमन के साथ मोदी लहर से वो इस चुनाव मे फतह हासिल करने के लिए तैयार थे। लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद वो भी अपनी सूची जारी करने के लिए आगामी तिथी का इंतजार कर रहे है। इतना ही नही अनुराग के मुताबिक इस बार जनता केन्द्र और राज्य दोनो से डबल विकास का कल्पना कर चुकी है।

हाईकोर्ट द्वारा आगामी नगरीय निकाय चुनाव को स्थगित करने के बाद दोनो दल के नेता खुश तो जरुर होगे। क्योकि एक दल को मौजूदा नसबंदी कांड की आग बुझने तक का मौका मिल जाएगा। तो दूसरे को इस आग मे केरोसीन झिडकने का। बहरहाल देखना ये है कि आग बुझाने से आग लगाने तक के इस सफर के बाद अम्बिकापुर नगरीय निकाय चुनाव मे किसकी फतह होती है।