रायपुर
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क सहित अन्य निर्माण कार्यो में सुरक्षा मुहैया कराने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल [सीआरपीएफ] की अतिरिक्त फोर्स लगाई जाएगी। बस्तर में प्रस्तावित दल्लीराजहरा-रावघाट-जगदलपुर रेल परियोजना के निर्माण कार्य में भी सुरक्षा के लिए अलग से बल लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रालय [महानदी भवन] में आयोजित यूनिफाइड कमांड की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में रेल परियोजना और सड़कों के निर्माण को समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
नक्सल समस्या से निपटने के लिए राज्य के नक्सल प्रभावित जिलों में विकास कार्यो और जनकल्याणकारी योजनाओं को गति देने सहित जनजीवन की सुरक्षा और कानून व्यवस्था से जुडे़ विभिन्न मुद्दों पर बैठक में विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। सड़कों और पुल-पुलियों के निर्माण, मोबाइल टावरों की स्थापना और विभिन्न प्रकार की अधोसंरचनाओं के विकास को लेकर भी बैठक में विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में गृह मंत्री रामसेवक पैकरा, मुख्य सचिव विवेक ढांड, केंद्रीय गृह मंत्रालय के सुरक्षा सलाहकार के. विजय कुमार, छत्तीसगढ़ सरकार के अपर मुख्य सचिव एनके असवाल, डीएस मिश्रा व एन.बैजेन्द्र कुमार, सीआरपीएफ के महानिदेशक प्रकाश मिश्रा, छत्तीसग़़ढ के पुलिस महानिदेशक एएन उपाध्याय, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह, पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव अमिताभ जैन, एडीजी [नक्सल ऑपरेशन] आरके विज तथा वायुसेना और बीएसएनएल के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
40 मोबाइल टॉवर मार्च तक होंगे चालू
बैठक में बताया गया कि नक्सली क्षेत्रों में टेलीफोन कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए पहले चरण में बीएसएनएल द्वारा 146 मोबाइल टॉवर लगाने का लक्ष्य है। इस साल मार्च तक 80 टॉवर लग जाएंगे और इनमें से 40 टॉवर चालू हो जाएंगे। जून तक 120 टॉवर लगा दिए जाएंगे। बाकी 26 टॉवर अगस्त तक शुरू हो जाएंगे। दूसरे चरण में 100 टॉवर लगाने का लक्ष्य है। इनमें से 76 का सर्वे पूर्ण हो गया है। बीएसएनएल को मोबाइल टॉवर के लिए अतिरिक्त बैटरी रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि टॉवर की बैटरी डाउन होने पर तत्काल बदला जा सके। बीएसएनएल को रिजर्व में भी बैटरी रखने कहा गया है। बीएसएनएल टॉवर के रख-रखाव के लिए स्थानीय युवाओं और जवानों को प्रशिक्षण देने के निर्देश बीएसएनएल को दिए गए हैं।
तालमेल बिठाने पर जोर
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस के जवानों के बीच तालमेल बिठाने के निर्देश दिए गए हैं। आला अधिकारियों ने नक्सल विरोधी अभियान को सुकमा, दंतेवाड़ा व बीजापुर सहित तीनों जिलों में फोकस करने को कहा गया है। सीआरपीएफ की ओर से आगे की रणनीति के बारे में जानकारी दी गई। बताया गया है कि नक्सल अभियान की मंजूरी के लिए अब सीआरपीएफ मुख्यालय से अनुमति लेनी होगी।