एक घंटे इंतज़ार के बाद दूसरे वाहन से पहुचाया गया मरीज
कोरिया
ध्रुव द्विवेदी
कहाँ सो रहे एस ई सी एल के बड़े बड़े श्रमिक नेता, जो सिर्फ सी एम् डी व् डी पी के आने पर ही दिखाई देते हैं, श्रमिक हित के नाम पर बने ये नेता अधिकारीयों की चमचागिरी बंद कर कब मजदूरों के हित के लिये कुछ करेंगे। बगावत ये स्वर आज इसलिए बुलंद हो रहे है की एसईसीएल में लागातार श्रमिक दर्घटना में घायल हो रहे है उनकी मौत हो रही है लेकिन कोई भी नेता प्रबंधन के खिलाफ कुछ भी करने आगे नही आता है..
ऐसी ही एक घटना अज शनिवार को सुबह 9.30 बजे कपिलधारा खदान में हुई जहा कोयले की दिवार गिरने से 3 श्रमिक घायल हो गये। इन तीनों में से घायल संतोष तिवारी को गम्भीर चोट आई है। उन्हें केंद्रीय चिकित्सालय आमखेरवा में मलहम पट्टी कर अपोलो बिलासपुर रिफर किया गया लेकिन घायल मजदूर को अपोलो ले जा रही एसईसीएल की कंडम एम्बुलेन्स का रास्ते में ही ब्रेक डाउन हो गया और लगभग एक घण्टे तक घायल श्रमिक दानीकुण्डी में दूसरे वाहन की प्रतीक्षा करता रहा लगभग एक घंटे बाद दूसरे वाहन की व्यवस्था होने के बाद मरीज को अपोलो अस्पताल पहुचाया जा सका है
फिलहाल इन मामलो में सवाल यह खडा हो रहा है की क्या केंद्रीय चिकित्सालय सिर्फ रिफरल केंद्र बन कर रह गया है। यदि ऐसा ही है तो यहाँ अस्पताल में दो चार वार्ड बॉय नियुक्त कर बाकी स्टाफ को भी बिलासपुर भेज देना चाहिये जब इतना बड़ा महकमा मिलकर उचित उपचार नहीं कर सकते तो क्यों जनता के पैसों का दुरूपयोग किया जा रहा है। लोगो के जहन में सवाल यह भी है की जब करोड़ो का उत्पादन देने वाली कोयले की खदान अनूपपुर, शहडोल व कोरिया जिले में है तो यहाँ के अस्पतालों में सुविधा क्यों नहीं बढ़ाई जा रही।