अम्बिकापुर 13 दिसम्बर 2013/ टोनही प्रताड़ना एक सामाजिक बुराई है। छत्तीसगढ़ में टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 लागू है। कलेक्टर श्री आर. प्रसन्ना ने टोनही प्रताड़ना की रोकथाम हेतु सरगुजा जिले के पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, अनुविभागीय राजस्व अधिकारी सीतापुर एवं अम्बिकापुर, सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं एकीकृत बाल विकास परियोजना के सभी परियोजना अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने कहा है। उन्होंने टोनही प्रताड़ना की कुप्रथा के बारे में जागृति लाने के लिए सभी अधिकारी-कर्मचारियों को व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए हैं।
छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना अधिनियम 2005 में डायन एवं टोनही से आशय ऐसे व्यक्ति से है, जिसे किसी व्यक्ति अथवा व्यक्तियों द्वारा उपदर्शित किया जाए कि वह किसी अन्य व्यक्ति अथवा व्यक्तियों अथवा समाज अथवा पशु अथवा जीवित वस्तुओं को काला जादू, बुरी नजर, या किसी अन्य रीति से हानि पहॅुचाएगा अथवा हानि पहॅुचाने की शक्ति रखता है अथवा इस तरह हानि पहॅुचाने का आशय रखता है। इस अधिनियम में पहचानकर्ता से आशय ऐसे व्यक्ति से है जो किसी व्यक्ति को टोनही के रूप में उपदर्शित करता हो या किसी अन्य व्यक्ति को टोनही उप दर्शित करने के लिए प्रेरित करता हो या अपने कार्य शब्दों, भाव भंगिमा या व्यवहार से उप दर्शित करने में मदद करता हो या जान बुझकर ऐसा कोई कार्य करता हो जिसस ऐसी पहचान के आधार पर उस व्यक्ति को क्षति पहुँचे अथवा क्षति पहॅुचने की आशंका हो तथा उसकी सुरक्षा एवं सम्मान पर प्रतिकुल प्रभाव पड़े।
टोनही होने की पहचान करने के लिए दण्ड निर्धारित है। जो व्यक्ति स्वयं या किसी भी माध्यम से टोनही के रूप में पहचान करेगा। उसे तीन वर्ष तक का कठोर कारावास एवं जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा। टोनही होने की प्रताड़ना के लिए भी दण्ड निर्धारित है। जो व्यक्ति स्वयं या अन्य किसी व्यक्ति द्वारा टोनही के रूप में पहचान किए गए व्यक्ति को शारीरिक या मानसिक रूप से प्रताडि़त करता है या नुकसान पहॅुचाता है, उसे पांच वर्ष तक का कठोर कारावास एवं जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा। टोनही संबंधी उपचार करने वाले के लिए भी दण्ड का प्रावधान किया गया है। जो कोई टोनही के रूप में पहचान किए गए या टोनही द्वारा कथित प्रचलित व्यक्ति, पशु या जीवित वस्तु पर ओझा के रूप में झाड़ फूक, टोटका, तंत्र-मंत्र के उपयोग या अन्य कोई उपचार या नियंत्रण के दावे के अन्तर्गत करता है वह 5 वर्ष तक के कठोर कारावास तथा जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।
अधिनियम में टोनही होने का दावा करने के लिए भी दण्ड का प्रावधान है। जो कोई दावा करता हो कि वह काला जादू, बुरी नजर या किसी अन्य रीति से किसी व्यक्ति, पशु अथवा जीवित वस्तुओं को क्षति पहॅुचाने की शक्ति रखता है और ऐसा प्रचारित करता है और लोक प्रशांति एवं परिशांति भंग करने का प्रयास करता है एवं अन्य को शोभकारी या क्षतिकारी करता है उसे एक वर्ष तक के कठोर कारावास एवं जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा। अधिनियम अपराध कारित करने के प्रयास के लिए दण्ड का प्रावधान है। सभी प्रकार के अपराध प्रथम श्रेणी न्यायीक दण्डाधिकारी के न्यायालय मे विचारणीय होंगे। इस तरह का अपराध गैरजमानतीय होगा।