कोरिया चिरमिरी से रवि कुमार की रिपोर्ट
सेहत से खिडवाड़
नगर निगम एंव नगर पालिका व नगर पंचायतो के अधिकांष पानी के टैंकर हैं वर्षो पुराने, कई में लग चुके है जंग, टोटी भी नहीं
डब्ल्यूएचओ के मानक पर नगर प्रषासन नही दे रही ध्यान, स्टेनलेस स्टील की बजाय लोहे के टैंकर से पानी सप्लाई
टैंकरो से परोस रहे बीमारी
जिले के नगर निगम सहीत 3 नगर पालिक और 3 नगर पंचायत शहर और कस्बे में बीमारी परोस रही है। वह भी पानी के जरीए। वजह हैं निगम और नगर पालिको के जंग लगें टैंकर, जिन्हें बरसो से नगर प्रषासन ने साफ नही कराया। नगर प्रषासन की इस लापरवही के चलते जिले के हजारों लोगों की जान खतरे में है।
नगर प्रषासन लंबे समय से षहर में जंग लगे टैंकरो से पीने का पानी सप्लाई करने के नाम पर लोगों को बीमारी परोस रही है। जिले में नगर निगम सहीत 3 नगर पालिक और 3 नगर पंचायतों में लगभग 200 से अधिक टैंकर है।इनमें से अधिकांष 5 से 10 साल पुराने है। पुरानी टैंकरो का देखभाल नहीं होने की वजह से उनमें जंग लग गए है।विष्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पानी सप्लाई के लिए टैंेकरों का मानक तय किया है, लेकिन नगर प्रषासन मानक का पालन नहीं कर रहा है। जंग लगे टैंेकरों से पानी पीने पर शहरवासीयों को बीमारों का खतरा है।बावजूद इसके अधिकारीयों को कोई लेना देना नहीं है।
जिले के नगर प्रषासन के पास 95 टैंकर लगभग 10 साल पुराने
जिले के नगर प्रषासन के पास पानी सप्लाई के लिए वर्तमान में 200 से अधिक टैंकर है, जिसमें से 50 टैंकरो को 2005 में लाया गया था। इससे पहले के करीब 75 टैंकर और भी पुराने है। 50 से टैंकर करीब 8 से 10 साल पुराने हो चुके है, जिससे अधिकांष टैंकर जंग खाकर कंउम होने लगें है। इनमे जगह-जगह छेद हो चुुका है।इस कारण से पानी व्यर्थ बहता है। इसके अलावा कई टैंकरो के टायर पुरी तहर खराब हो चुके है।
रास्ते में खाली हो जाते है टैंकर
नगर प्र्रषासन के टैंकरो की जिम्मेदारी है कि वे पूरे टैंकर भर वार्डो तक पानी पहुंचाएं, लेकिन वार्डो तक आधे टैंकर पानी ही पहुंच रहै है। ये टैंकर इतने जर्जर हो चुके है कि इसमें जगह-जगह छेद है। वहीं टैंकरो की टोटीयां भी गायब है। ऐसे में अधिकतम पानी फालतू बह जाता है। इस वजह से वार्डो तक आधे भरे टैकर ही पंहुच पाते है। इस तरह नगर प्रषासन के जिम्मेदारों की बेपरवाही के कारण रोजना हजारों लीटर पानी व्यर्थ बह जाते है। गर्मी के दिनों में तो प्रति खेप के साथ बर्बादी का आंकड़ा भी बढ़ रहा जाता है।
आइल पेंट से खाना पूर्ति
मिली जानकारी के आनुसार पानी टैंकरो में जंग रोकने के लिए नगर प्रषासन के कर्मचारी आइल पेंट का इस्तेमाल करते है। जबकि पेंट से कुछ दिनों तक ही जंग रोकी जा सकती है।पेंट पानी के कारण जल्द ही उखड़ जाते है। इस तरह नगर प्रषासन विष्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देषों को किनारेे करते हुए स्टील कंटेनर का इस्तेमाल करने के बजाय खराब टैंकरो से पानी दे रहा है।वहीं जिम्मेदारों को यह भी जानकारी नहीं है कि खराब टैंकरो से नगर में पानी का सप्लाई किया जा रहा है।
डब्ल्यूएचओ ने दिए है यह निर्देष
लेगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विष्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने साफ पानी सप्लाई को लेकर दिषा निर्दष भी जारी किया है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक पेय जल आपूर्ति किए जाने वाले टैंकर स्टेनलेस स्टील के होने ही चाहिए। स्वास्थ्य संगठन ने पेयजल के लिए लोहें के टैंकर को निषिद्व बताया है। लोहे के टैंकर से सिर्फ सफाई के लिए ही पानी की सप्लाई की जा सकती है। डब्ल्यूएचओ ने यह निर्देष दिए हैं कि टैंकर के पिदे रबर लगाकर पानी की सप्लाई न की जाए, जबकि इसके बजाय स्टेनलेस स्टील के नल ही लगाए जांए।
एक्सपर्ट व्यु डाॅ0 एस0एन0चावड़ा
जग लगे टैंकर सेे पानी में आयरन की आर्द्रया बनती है। इससे पेट दर्द व उल्टी होन की संभावना रहती है। ऐसे पानी के उपयोग से डायारीया होने का खतरा बना रहता है। और
अगर आयरन की मात्रा खुन में बड़ता है तो खुन संबंधीत अनेक रोग होने की संभावना बड़ जाता है। विष्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी लोहे के टैंकर से पानी की सप्लाई ना करने की सालाह दी है।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी मेसराम टेकाम
विभाग के द्वारा सभी टैंकरो में रबर पेन्ट करा दिया है। और जो बचे हैं उनमें भी करा दिया जायेगा। रही बात विष्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की शर्तो का तो पूूरे देष मे पालन ही होता और उनके हिसाब से प्रमरागत जल स्त्रौत का भी पानी सही नही है।
आयुक्त नगर पालिक निगम चिरमिरी मनोज सिंह
जंग लगें टैंकर में अगर पानी की सप्लाई कराई जा रही है। तो तत्काल उसे बंद कराने का आदेष जारी किया जाएगा। और अगर टैंकर में जंग लगे है तो उसमें आक्साईट पेन्ट करा कर ही पानी की सप्लाई कराई जाऐगी ।