अम्बिकापुर सेंट्रल जेल अम्बिकापुर के 19 कैदी औक बंदी डायरिया से पीडित हो गए हैं… इसके अलावा जेल मे फैली इस बिमारी से एक कैदी की मौत भी हो गई है… अम्बिकापुर केन्द्रीय जेल मे फैली इस बिमारी का खुलासा तब हुआ .. जब बिगडे हालाता मे 19 कैदियो को मेडिकल कालेज जिला अस्पताल मे भर्ती कराया गया…
पिछले कुछ महीनो मे जहां जेल के कैदियो के मौत की संख्या बढी है तो वही एक बार जेल की चारदिवारी के भीतर फैले डायरिया ने जेल प्रबंधन की व्यवस्थाओ पर सवाल खडा कर दिया है… जानकारी के मुताबिक जिन 19 कैदियो को तबियत बिगडने के बाद जेल से बाहर जिला अस्पताल मे लाया गया है.. उनसे मिली जानकारी के मुताबिक जेल मे 50 से अधिक और भी ऐसे कैदी औऱ बंदी है.. जो डायरिया से पीडित है.. लेकिन जेल प्रबंधन इस बडी संख्या को छुपाने के लिए किश्त मे कैदियो को जेल से बाहर अस्पताल मे भर्ती करा कर इलाज करा रहा है…
जिसकी हुई मौत
अम्बिकापुर केन्द्रीय जेल मे डायरिया पीडित जिस दण्डित बंदी की मौत हुई है .. वो जशपुर जिले के कांसाबेल थाना अंतर्गत आने वाले बटईकेला गांव का रहने वाला था.. 27 वर्षीय इस दण्डित बंदी का नाम पालन लोहार पिता साधु लोहार था.. जिस जशपुर के न्यायालय अतिरिक्त सत्र न्यायधीश ने धारा 363,366क, 376 मतलब दुष्कर्म के मामले मे बीते 28 सितंबर 2017 को 10 वर्ष की सश्रम कारावास और अर्थदण्ड की सजा सुनाई थी… जानकारी के मुताबिक जेल प्रबंधन ने इसको 16 मई यानि आज सुबह 9.40 बजे हालाता बिगडने के बाद जिला अस्पताल मे भर्ती कराया था.. और इलाज शुरु होने के साथ ही उसकी मौत हो गई…
जल्द राहत जरुरी
जेल मे फैली बिमारी से निपटने के लिए जेल प्रबंधन को जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग की मदद से जेल के भीतर मेडिकल कैंप लगाकर कैदी औऱ बंदियो के बेहतर इलाज की व्यवस्था की जानी चाहिए .. अगर ऐसा होता है तो फिर जेल के भीतर डायरिया की चपेट झेल रहे कैदी जल्द स्वस्थ हो सकते है.. अगर ऐसा नही होता है तो फिर हालात बिगडने की संभावना है.. क्योकि थोक मे हुई बिमारी के बिमारो को जेल प्रबंधन किश्त मे जिला अस्पताल भेज रहा है… जिससे बांकी बचे कैदी और बंदी के क्या हालात होंगे ये आप खुद सोंच सकते है..