जीजा-साले ने मिलकर बांस की लाठी से पीट-पीटकर की युवक की हत्या…युवती के प्रेम प्रसंग से थे नाराज़.. सबक सिखाने दिया वारदात को अंजाम

सूरजपुर. जिले के लटोरी चौकी क्षेत्र के जगन्नाथपुर निवासी सूरज लकड़ा का ग्राम करमपुर निवासी एक युवती से प्रेम संबंध था. सूरज लकड़ा 26 जनवरी के दिन युवती को करमपुर से अपने साथ लाकर ग्राम छतरपुर में भागूर तिर्की नाम के अपने रिश्तेदार के घर लेकर आया था. जिसके अगले दिन 27 जनवरी को लगभग 2 बजे, युवती के भाई आलोक टोप्पो, जीजा संदीप लकड़ा को सूरज द्वारा युवती को छतरपुर में रखने की जानकारी मिलने पर दोनों एक राय होकर छतरपुर पहुंचे..और सूरज के सिर में लाठी डंडा से मारपीट शुरू कर दिए. जिससे सूरज को अंदरूनी चोट लग गई. घटना बाद दोनों आरोपी सूरज को जगन्नाथपुर उसके घर में छोड़कर फरार हो गए.

अगले दिन सूरज को सिर में काफी दर्द होने से परिवार वाले पहले प्रतापपुर व फिर अम्बिकापुर मिशन अस्पताल मे भर्ती किये. जहाँ उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे रायपुर रेफर कर दिया गया. जहाँ उसकी मौत हो गई. जिसके बाद घर वाले शव को घर जगन्नाथपुर ले आए और घटना की सूचना स्थानीय खड़गंवा चौकी में दी. जहां पंचनामा कार्रवाई के बाद मर्ग डायरी जयनगर भेजकर नम्बरी कराने के बाद घटना स्थल चौकी लटोरी होने से मामले की जांच लटोरी पुलि स द्वारा की गई. आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ़्तार करने के लिए चौकी स्तर पर एक टीम बनाई गई.

विवेचना के दौरान गुरुवार को ग्राम जगन्नाथपुर में आरोपीआलोक टोप्पो और संदीप लकरा को घेराबंदी कर पकड़ा गया. दोनों आरोपियों के मेमोरंडम कथन के मुताबिक मारपीट में उपयोग किया बांस का डंडा व 2 नग मोटरसाइकिल जप्त किया गया.. तथा आरोपियों को प्रकरण में 24 घंटे के अंदर पुलिस हिरासत में लेकर न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.

दोनों आरोपी आपस में सगे साला जीजा हैं. जो मृतक सूरज द्वारा युवती को भगाकर ले जाने तथा युवती से प्रेम प्रसंग से काफी नाराज थे..तथा दोनों आरोपी युवक सूरज तथा युवती के प्रेम प्रसंग से असंतुष्ट होकर मृतक सूरज को सबक सिखाने की नियत से मृतक के सिर में डंडा से मारपीट कर चोट पहुंचाया और हत्या करना बताया.

इस कार्रवाई में चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक सुभाष कुजूर, सहायक उपनिरीक्षक केडी बनर्जी, प्रधान आरक्षक विशाल मिश्रा, संजय सिंह यादव, आरक्षक विकास मिश्रा, देवनंदन राजवाड़े, सुनील एक्का, नंदकिशोर राजवाड़े, सोमनाथ कुशवाहा, प्रेम सिंह सक्रिय रहे.