
छत्तीसगढ़ पंचायत अधिनियम के अनुसार किसी भी ग्राम पंचायत का पंच, सरपंच या उपसरपंच किसी तरह का व्यवसाय या फिर ठेकेदारी नहीं कर सकता है। लेकिन सरगुजा में छत्तीसगढ़ शासन के इस नियम की परवाह ना करने वाले मौजूद हैं। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार टपरकेला के उपसरपंच विजय सिंह ने अपने नाम से मेसर्स शालू इंटरप्राइजेज का रजिस्ट्रेशन कराया है। इसी फर्म से उपसरपंच ने पिछले एक साल में अपने ग्राम पंचायत के साथ ही आस पास के तीन और ग्राम पंचायतों में निर्माण सामग्री की सप्लाई भी की है जिसके बदले उसकी फर्म को एक साल में 63 लाख रुपए की कमाई हुई है।
बात नियम विरुद्ध तरीके से फर्म बनाना और फिर सप्लाई करने तक ही सीमित नहीं है। किसी भी फर्म को सामान की खरीदी बिक्री करने के बदले सेल्स टैक्स और आय पर इंकम टैक्स देना पड़ता है। उपसरपंच की फर्म ने भी टैक्स दिया है, लेकिन पूरे साल में सिर्फ 20 लाख रुपए का इन्कम शो करते हुए। जबकि आरटीआई से मिले दस्तावेजों में फर्म के एकाउंट में 63 लाख से अधिक का भुगतान दिख रहा है।
नियमों के अनुसार पंचायत अधिनियम का उल्लंघन करने पर जनप्रतिनिधि को बर्खास्त किया जा सकता है। साथ ही टैक्स चोरी एक बड़ा मामला है जिसमें दोषी पाए जाने पर जेल भी हो सकती है। बहरहाल जनप्रतिनिधी होने के बाद भी नियमों के खिलाफ इस तरह का काम करने वाले उपरसरपंच के खिलाफ जांच की बात कही गयी है और जांच के बाद ही उसके उपर होने वाली कार्रवाई का आधार तय किया जाएगा।