रायपुर. राज्य शासन के संस्कृति विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ के पुरातत्त्व और पड़ोसी राज्यों से संबंध विषय पर केन्द्रित तीन दिवसीय राष्ट्रीय शोध-संगोष्ठी का आयोजन 07 से 09 फरवरी तक रायपुर के महन्त घासीदास स्मारक संग्रहालय सभागार में तथा विशेष सत्र एवं शोध भ्रमण सिरपुर जिला महासमुंद में किया जा रहा है. संगोष्ठी का शुभारंभ 07 फरवरी को पूर्वान्ह 11 बजे संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत करेंगे. जिसमें मुख्य वक्ता भारतीय कला एवं स्थापत्य के विद्वान प्रो. एस.सी. पण्डा सम्बलपुर होंगे तथा प्रो. ब्योमकेश त्रिपाठी कुलपति उत्कल विश्वविद्यालय भुवनेश्वर विशेष रुप से उपस्थित रहेंगे.
तीन दिवसीय इस शोध संगोष्ठी में 07 और 08 फरवरी को आमंत्रित विद्वानों द्वारा शोधपत्रों का वाचन किया जाएगा. 09 फरवरी को संगोष्ठी में सम्मिलित प्रतिभागी, विशेषज्ञ व अध्येता सिरपुर के स्मारकों एवं पुरातत्त्वीय स्थलों का भ्रमण करेंगे. विशेष सत्र में संस्कृति मंत्री श्री भगत उद्बोधन करेंगे.
ग़ौरतलब है कि इस संगोष्ठी में छत्तीसगढ़ के पुरातत्त्व और पड़ोसी राज्यों से संबंध के विभिन्न पक्षों पर लगभग 60 शोधपत्रों की प्रस्तुतियाँ होंगी. संगोष्ठी में पूरे प्रदेश एवं देश के अन्य क्षेत्रों से लगभग एक सौ से अधिक पुरातत्त्ववेत्ता, इतिहासकार एवं अध्येता सम्मिलित होंगे. संगोष्ठी में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ महाविद्यालय, शासकीय दूधाधारी बजरंग स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय के शोधार्थी तथा स्थानीय इतिहास एवं पुरातत्व प्रेमी विशेष रूप से सम्मिलित होंगे.
इस संगोष्ठी में छत्तीसगढ़ के पुरातत्त्व और उसके पड़ोसी राज्यों जैसे मध्यप्रदेश, झारखण्ड, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश से प्राचीन सांस्कृतिक संबंधों के संदर्भ में विवेचना होगी. इस संगोष्ठी में छत्तीसगढ़ सहित उक्त पड़ोसी राज्यों के विषय-विशेषज्ञ, अध्येता एवं शोधार्थी सम्मिलित होकर शोधपत्रों का वाचन करेंगे.
इस अवसर पर श्री ए.के. शर्मा, डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र, प्रो. एल.एस. निगम, श्री अशोक तिवारी, डॉ. आर.के. बेहार, श्री जी.एल. रायकवार, डा. शम्पा चौबे रायपुर, प्रो. एस.के. सुल्लेरे जबलपुर, डॉ. चंद्रशेखर गुप्त नागपुर, डॉ. आर.एन. विश्वकर्मा खैरागढ़, डॉ. उदय आनंद शाष्त्री और डॉ. शंभुनाथ यादव भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण सहित प्रदेश एवं अन्य राज्यों से आए विद्वान प्रतिभागी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे.