बलरामपुर कृष्ण मोहन कुमार : प्रदेश में चुनावी साल के मध्य हड़ताली बयार चल पड़ी है,पहले शिक्षाकर्मी,फिर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं,और अब संजीवनी के कर्मचारी अपने मांगो को लेकर लामबंद हुए है,तो वही अब विद्या मितान भी आंदोलन के मूड में नजर आ रहे है।
आउटसोर्सिंग टीचरों का फंडा भी अब लगता है,सरगुजा में फेल…
दरसल राज्य सरकार ने प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से राज्य के सुदूरवर्ती सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने दो बरस पहले आउटसोर्सिंग से शिक्षकों की भर्ती करने का फंडा अपनाया था,और इस आउटसोर्सिंग के जरिये प्रदेश के सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षकों को विद्या मितान का नाम दिया था,और इसी के तहत जिले में 270 विद्या मितानो की नियुक्ति की गई थी।
ये क्या तीन संभागों में बढ़ गई अवधि पर 2 संभागों में क्यो नही बढ़ी?…
वैसे तो राज्य की रमन सरकार ने प्रदेश के नक्सल प्रभावित 2 संभागों बस्तर और सरगुजा समेत 3 अन्य संभागों में भी विद्या मितान की नियुक्ति की थी,तथा इन विद्या मितानो की नियुक्ति 31 मार्च 2018 तक कि थी,इतना ही नही सरकार ने मैदानी क्षेत्र के संभाग रायपुर,दुर्ग और बिलासपुर के विद्या मितानो की कार्य अवधि को बढ़ा कर 31 मार्च 2019 तक कर दिया है,बावजूद इसके सरगुजा और बस्तर संभाग के विद्या मितानो की कार्य अवधि नही बढ़ाई जो समझ से परे है।
मांगो पर आस्वाशन जरूर-पर मानेंगे कब नही पता!
वही आज जिले के वाड्रफनगर में प्रदेश के गृहमंत्री रामसेवक पैकरा पहुँचे थे,इस दौरान विद्या मितानो ने अपनी कार्य अवधि बढ़ाये जाने की मांग को लेकर,उन्हें ज्ञापन सौंपा तथा अपनी समस्याएं बताई।
गृह मंत्री ने भी इस सम्बंध में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर उनसे चर्चा करने का आस्वासन विद्या मितानो को दी है।
इस मौके पर विद्या मितान रंजनी केवट,आशीष यादव,हरिशंकर राठौर ,उषा बंजारे,अंजुम अफ़रोश,बबिता तिवारी,रामदुलारी पटेल,यशपाल दुबे समेत दर्जनभर विद्या मितान मौजूद थे।