चिरमिरी के 1000 से अधिक लोग मौत के मुहाने पर……बरसात मे कभी हो सकता है हादसा

चिरमिरी से रवि कुमार की रिपोर्ट 

अधिकारियो की लपरवाही से जुडी हमारी पडताल

 

  •  हल्दी बाड़ी एवं छोटा बाजार के पहाड़ से लगकर बनी है कई झोपड़िया,
  •  बीते दो वर्ष पुर्व हुए हादसे के बाद भी अधिकारी नही सजग 
  • मौत के मुहाने पर चिरमिरी के 1000 लोग काट रहे जीवन

16 जुलाई 2012 में जारी बारिश के दौरान हल्दी बाड़ी में पहाड़ से लगे दिवाल के गिरने से दब कर 1 की मौत वही स्टेशन रोड़ से बड़ा बाजार की ओर जाने वाले रास्ते का पहाड़ धसने से कई गरीब परिवारों का अशियाना मटीया मेट हो गया था। इस घटना को अभी दो वर्ष भी नही हुआ है, घटना की याद अभी भी धुधली नही हुई हैं। बावजूद इसके यही पर पुनः घटना की आषका नजर आ रही है। और जिम्मेदरी मौन है।

चिरमिरी नगर के जिम्मेदार अधिकारी बैठकें आयोजित कर विभाग को आवष्यक तो दे देते है, लेकिन वास्तव में मैदानी स्तर पर उन दिषा-निर्देश का पालन नही होने से प्रशासनिक व्यवस्था लचर हो रही हैं। प्रषासनिक अधिकारीयो की थोडी सी चूक लोंगो की जान का खतरा बन जाती है। इसकी चिरमिरी शहर के हल्दीबाड़ी एवं छोटा बाजार के इलाको में देखने को मिल रहा है। यहां धुसमुसाई पहाड़ो के उपर बनी झोपड़ियो मे लोग अपने परिवार के साथ निवास कर रहे है। 20 जुलाई 2012 को एक बैठक आयोजित करCHIRMRI 2 बरसात के पुर्व बाढ़ नियंत्रण के लिए बैक का आयोजन हुआ था। बैठक में अनुविभागिय अधिकारी(एस0डीएम0) ने समस्त विभागीय अधिकारीयो को आवष्यक दिषा-निर्देष जारी किये थे, कि हल्दी बाड़ी एवं छोटा बाजार के पास दुर्घटना संभावित क्षेत्रो में अतिक्रमण कर झोपडियों में रह रहे लोंगो का हटाया जाए। लेकिन ऐसा नही हुआ। यहा पहाड़ के उपर एवं नीचे निवास कर अपनी जान जोखीम में डाल रहे है।
फिर वही स्थिति

 

भगवान ना करे ऐसी घटना की पुनरावृत्ति कभी हो, लेकिन सुरक्षा बेहद जरुरी है।जिस स्थान पर घटना हुई थी। वहा पुनः वैसी ही स्थिति अब भी बनी हुई है। धुसमुसाई मिटटी पहाड़ के निचले स्तर पर कई आवसीय झोपड़िया बन गई है। लेकिन प्रषासनिक अधिकारीयों द्वारा सुरक्षा के तौर पर ऐसे स्थानो से रहवासियों को हटाने की पहल नही किए जाने से खतरे का अंदेषा बना हुआ है।

 

झोपड़ियां हटवाने के लिए दिए हैं निर्देष
जब इस विषय में जब हम चिरमिरी के अनुविभागिय अधिकारी अमृृत लाल धु्रव से बात की तो उनका कहना था। हमने जहां खतरे की आषांका है वहा स्वयं जाकर लोगों को खाली करने को बोलुगा।
उस उस स्थान पर मुनादी भी कराकर लोगों को बरसात में अपने मकान खाली करने की चेतावनी दे दि गई है। इस संबध में नगर पालिका को झोपडियां हटवने के निर्देष भी दिए गए है।