बलरामपुर (कृष्णमोहन कुमार) जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण महिलायें स्व सहायता समूह बनाकर स्वंय का रोजगार कर आत्मनिर्भर बन रही है, तो वही ये महिलायें पहले कभी गाँव मे कृषि कार्य के सम्पन्न होते ही रोजगार के तलाश में इधर-उधर भटकने पर मजबूर थी। बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर के ग्राम बरतीकला की महिलाएं आज स्व सहायता समूह से जुड़कर अपने परिवार की माली हालत सुधारने में जुटी हुई है, और पीडीएस के राशन दुकान संचालन की कमान सम्हाले हुए है।
पहले बनती थी,पलायन की स्थिति -पर अब नही,
खेती-बाड़ी का मौसम खत्म होने पर घर में खाली बैठने को मजबूर महिलाओं ने स्वसहायता समूह बनाकर स्वरोजगार का रास्ता निकाला, घर की बुजुर्ग महिलाओं के विरोध के बावजूद उन्होंने समूह बनाकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.) के तहत राशन दुकान का काम लिया, पूरी लगन और मेहनत से वे शासकीय उचित मूल्य की राशन दुकान चला रही हैं,इससे हो रही आमदनी से अब उनके घर की माली हालत भी सुधर रही है।
आत्मनिर्भर बन रही है-महिलायें,
बरतीकला पंचायत के पूर्व सरपंच जलोधर प्रसाद बताते हैं ,कि गांव में महिलाओं के लिए खेती-मजदूरी के अलावा रोजगार का कोई अन्य साधन नहीं है। खेती-बाड़ी का काम समाप्त होने पर पुरुष तो आसपास के कस्बों में काम ढूंढने चले जाते हैं, लेकिन महिलाओं के लिए दिक्कत होती थी, घर के काम और बच्चों की देखभाल के बाद बचने वाले समय का सदुपयोग वे नहीं कर पाती थी।
पूर्व सरपंच जलोधर प्रसाद बताते हैं कि उजागर स्वसहायता समूह का गठन कर महिलाओं ने इस समस्या का हल निकाला।
शुरू में महिलाओं को अपने परिवार की बुजुर्ग महिलाओं के विरोध का सामना भी करना पड़ा। लेकिन इन महिलाओं ने हार नहीं मानी और गांव में सरकारी उचित मूल्य के राशन दुकान का काम अपने हाथों में लिया। एकजुट होकर महिलाएं सफलतापूर्वक दुकान का संचालन कर रही हैं। गांव के लोग जो उनका विरोध कर रहे थे, वही अब इनका व्यवस्थित काम देखकर मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हैं।
उजागर ने फैलाया -उजाला
उजागर स्वसहायता समूह को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से ढाई लाख रूपए की वित्तीय मदद भी मिली है। समूह की महिलाएं न केवल परिवार की आर्थिक मदद कर रही हैं, बल्कि सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं। ‘उजागर’ ने इन महिलाओं के जीवन में सचमुच उजाला ला दिया है।
एनआरएलएम का सफल क्रियान्वयन-कलेक्टर,
विकासखण्ड वाड्रफनगर के ग्राम बरती कला में उजागर स्वसहायता समूह का गठन वर्ष 2008 में स्वर्ण जयंती योजना के तहत किया गया था,और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में वर्ष 2014 में शामिल किया गया ,जिसके बाद समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने स्वयं के रोजगार कर बचत करने के लिए समय समय पर प्रशिक्षण दिया गया,और सरकारी प्रशिक्षणों का परिणाम सबके सामने है।