गुमशुदा बच्चों के मामले में सुप्रीम कोर्ट की नोटिस सरकार के लिये शर्मनाक

रायपुर 16 अक्टूबर 2014
सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य में बच्चों के गायब होने पर प्रदेष सरकार फटकार लगाना चिंताजनक है। उच्चतम न्यायालय ने इस संबंध में प्रदेष के मुख्य सचिव पुलिस प्रमुख से जवाब तलब भी किया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही राज्य में बच्चों और महिलाओं के गायब होने की घटनाओं को पुरजोर तरीके से उठाती रही है। अब इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने भी अपनी मुहर लगा दी है। यह स्थिति राज्य सरकार के लिये शर्मनाक है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगायी है कि बच्चों के गुमषुदगी के मामले में एफ.आई.आर. दर्ज करने में कोताही क्यों बरती जा रही है। बच्चों की लगातार गुमषुदगी छत्तीसगढ़ में लगातार हो रहे है बाल अधिकारों का उल्लंघन का जीताजागता प्रमाण है। गुमषुदगी के मामलों को लेकर जब परिजन छत्तीसगढ़ के थानों में जाते है पहले उन्हे खुद ढूंढने की सलाह देकर महिनों तक घुमाया जाता है, उसके बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जाती है। एनसीआरबी के आंकड़े बताते है कि छत्तीसगढ़ से 11225 बच्चे लापता है। जिनकी कोई खोज खबर रमन सरकार नहीं ले रही है। सिर्फ बच्चे ही नहीं प्रदेष में लड़कियां और महिलाओं के गायब होने के आंकड़े चिंताजनक है, दुखद है कि भाजपा सरकार इन महिलाओं के पता लगाने उनकी पतासाजी करने की दिषा में कभी गंभीर प्रयास किया ही नहीं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देष के बाद प्रदेष के लोगो में आषा की एक किरण जागी है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी पिछले वर्ष ही महिलाओं के संबंध में एक रिपोर्ट जारी की थी जो छत्तीसगढ़ भाजपा सरकार के लिये शर्म से डूब मरने वाली इस रिपोर्ट के अनुसार मुंबई दिल्ली के रेड लाईट ईलाकों में सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ की लड़कियां जबरियां धकेली जाती है। मानव तस्करी करने वालों को उच्च स्तरीय राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है। इसीलिये आज तक 17000 से अधिक महिलायें और बच्चियां लापता है। राज्य की भाजपा सरकार ने मानव तस्करी पर रोक लगाने के मामले में दृढ़ इच्छा शक्ति से कभी कोई कदम नही उठाये। आज भी राज्य की बच्चियां दिल्ली, हरियाणा और अन्य महानगरों में घरेलू नौकरानियों के रूप में बंधक बनाई जाती है। जषपुर, रायगढ़ क्षेत्र में प्लेसमेंट एजेंसियों का जाल फैला हुआ है। जो लड़कियों को बहला-फुसलाकर दूसरे प्रांतों में सस्ते दर पर बंधक मजदूर के रूप में काम कराने को विवष करती है। प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष शहीद नंदकुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष शहीद महेन्द्र कर्मा ने विधानसभा में अनेको बार छत्तीसगढ़ की लापता महिलाओं और बच्चियों का मामला पुरजोर तरीके से कांग्रेस की ओर से लगातार उठाया है लेकिन भाजपा सरकार का उदासीन रवैया लापता नाबालिग बच्चियों के मामले दस सालों से लगातार बना रहा है। तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष स्व. नंदकुमार पटेल और कांग्रेस विधायक दल के नेता रविन्द्र चैबे ने भी विधानसभा में बार-बार यह मामला उठाया लेकिन मुख्यमंत्री रमन सिंह और भाजपा सरकार सोती रही।