अम्बिकापुर शहर के गांधी चौक में एस पी बंगले की दीवार गिरने से मजदूरों की मौत के बाद.. घटना स्थल के विपरीत दिशा में चौक से नमना रिंग रोड जाने वाले मार्ग पर श्रमिक प्रतीक्षालय बनाया गया था.. लेकिन श्रमिक प्रतीक्षालय के बगल में संचालित तथाकथित अन्नपूर्णा दालभात केंद्र के संचालक के द्वारा श्रमिको के प्रतीक्षालय में भट्ठी बनाकर कब्जा कर लिया गया था और कई वर्ष से श्रमिक प्रतीक्षालय अस्तितिव विहीन था.. लेकिन नगर निगम में नई कमिश्नर के पद सम्हालने के बाद श्रमिक प्रतीक्षालय से कब्जा हटाने की कावायद की गई इस कावायद में वही पर सड़क किनारे संचालित एक गरीब का पान टपरा कार्यवाही का शिकार हो गया और गरीब पान वाले को दूसरी जगह पर शिफ्ट कर दिया गया, परिणाम स्वरुप आज वह पान वाला मंदी के दौर से गुजर रहा है…
निगम के आदेश का पालन करते हुए पान का टपरा तो हट गया लेकिन रसूखदार नेता के कब्जे से श्रमिको का प्रतीक्षालय खाली कराने में नगर निगम सफल नही हो सका, लिहाजा आज भी दाल भात केंद्र की भट्ठी श्रमिक प्रतीक्षालय में ही बनी हुई है और निगम के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए बड़ी ही दबंगई से श्रमिक प्रतीक्षालय में कब्जा जमा हुआ है…
बहरहाल ऐसे में आम लोगो के बीच यही शंदेश जाता है की कार्यवाही का असर सिर्फ गरीब और मजलूम लोगो पर ही होता है नेता अपनी रसूखदारी से हमेशा ही बच निकलते है..