अम्बिकापुर
सरगुजा जिला में पांच साल पहले तात्कालीन उपसंचालक कृषि द्वारा 6 करोड का दवा घोटाला किया गया था। लेकिन दवा खरीदी मे हुए घोटाले की रिकवरी,, अविभाजित सरगुजा जिला के कृषि विस्तार अधिकारियो से किया जाने का आदेश आ गया है। जिसको लेकर ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियो ने शासन के आदेशो का विरोध करते हुए,, दोषी अधिकारी से ही राशि वसूलने की अपील की है। जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत 2009-10 के तात्कालीन उपसंचालक एल.एम.भगत ने नियम विरुद्द अमानक स्तर की दवाईयां और सूक्ष्म तत्व की खरीदी की थी। उस वक्त मामले को लेकर विधानसभा से लेकर कृषि विभाग मे काफी हो हल्ला हुआ। पर मामले मे विभागीय जांच के बाद घोटाले को दबा दिया गया। लेकिन पांच साल अब अपर संचालक के एक आदेश ने अविभाजित सरगुजा जिला के कृषि विभाग मे हडकंप मचा दिया है। दरअसल अपर संचालक के इस तुगलकी फरमान में ये आदेश जारी किया गया है कि अमानक दवाईयो की आधी राशि मतलब 3 करोड रुपए एकीकृत सरगुजा जिला के 300 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियो से वसूली जाएगी। लेकिन इस आदेश के साथ ही ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ने इस फरमान का विरोध शुरु कर दिया है। और विरोध पर भी उनके साथ न्याय नही हुआ,, तो पीडित न्यायालय की शरण मे जाने की बात कह रहे है।
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ से प्रदेश उपाध्यक्ष सीताराम भगत के मुताबिक तात्कालीन उप संचालक द्वारा नियम विरुद्द खरीदी गई दवाओ को ग्रामीण क्षेत्रो मे खपाने का हम लोगो मे दबाव बनाया गया था। लेकिन हम लोगो ने अमानक स्तर की दवा को खपाने से उस वक्त ही साफ इंकार कर दिया था। लेकिन जिस अधिकारी ने दवा खरीदी मे गडबडी की वो तो किसी दूसरे जिले में फिर से अधिकारी बन गया।