बलरामपुर…(कृष्णमोहन कुमार)…जिले में कलेक्टर के फरमान के बाद जिस तरह से राजस्व अमले और खनिज विभाग ने ओव्हर लोड गिट्टी वाहनों पर एक के बाद एक कार्यवाही की है..वह कार्यवाही का मामला अब तूल पकड़ते जा रहा है..
वही जिले के नवपदस्थ कलेक्टर ने पदभार ग्रहण करने के बाद ओव्हर लोड गाड़ी पर कार्यवाही करने खनिज और परिवहन विभाग समेत राजस्व अमले को निर्देशित किया था..पर राजस्व अमले और खनिज विभाग ने केवल थोक के भाव मे ओव्हर लोड गिट्टी वाहनों पर कार्यवाही कागजी खानापूर्ति कर ली..
दरअसल जिले में खनिज सम्पदाओं का भंडार है..जिसकी रॉयल्टी खनिज मद में जमा कराई जाती है..और जिले के बरियो क्षेत्र में क्रेशर खदानों से गिट्टी की सप्लाई जिले मे ही नही बल्कि पड़ोसी राज्यो झारखण्ड, उत्तरप्रदेश में की जाती है..वही जिले के सामरी पाठ के बाक्साईट खदानों से बाक्साईट का परिवहन बिहार में किया जाता है..इतना ही नही राजधानी के आसपास के क्षेत्रों से किलिंकर लोड वाहने जिले होकर बिहार के औरंगाबाद के लिए जाती है..और यह सब वाहने ओव्हर लोड होकर जिलामुख्यालय से गुजरती है..लेकिन किलिंकर लोड वाहनों से जिला प्रशासन को किसी प्रकार की राजस्व प्राप्ति नही होती है..और यही वाहने गणतव्य तक पहुँचने में रफ्तार के कहर के साथ कई सड़क हादसों का कारण बनती है..बावजूद इन सबके कलेक्टर के आदेश की महज खाना पूर्ति करने गिट्टी वाहनों को ही सरकारी मातहतों ने निशाना बनाया है..जो समझ से परे है..
बता दे की रोजाना जिला मुख्यालय से 300 से 400 ओव्हरलोड किलिंकर वाहनों के बढ़ते दबाव के चलते जिला मुख्यालय को संभाग मुख्यालय से जोड़ने वाली एनएच 343 भी जर्जर हो चली है.. लेकिन प्रशासन की नीति एक को माँ और एक मौसी समझ से परे है..
जानकारों की माने तो जिन गिट्टी वाहनों को खनिज विभाग ,व राजस्व अमले ने पकड़ा है..उनके पास ट्रांसपोर्ट परमिट मौजूद थे..और उन परमिटों से जिला प्रशासन को राजस्व की प्राप्ति होती है..यही नही उन वाहनों पर कार्यवाही करने का अधिकार केवल और केवल आरटीओ विभाग के पास होता है..और आरटीओ ही ओव्हरलोड वाहनों का आंकलन करने के बाद कार्यवाही करता है..
वही जिन ओव्हरलोड वाहनों को प्रशासनिक अमले ने बसन्तपुर और बलरामपुर में पकड़ी है..उन वाहनों के तौल करने के लिए धर्मकांटा के अभाव में रामानुजगंज ले जाने की बात सामने आ रही है..जिससे वाहन चालक और वाहन मालिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.. इस समूचे मसले पर इन ओव्हर लोड वाहनों को फौरी तौर पर चलानी कार्यवाही की जा सकती थी..
वही इन कार्यवाहियों पर एसडीएम राजपुर आरएस लाल,व एसडीएम वाड्रफनगर अजय किशोर लकड़ा से सम्पर्क करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नही हो पाया…