एक और निर्भया की हुई मौत ? जिम्मेदार कौन

ब्लाॅक कांग्रेस कामेटी ने मृतिका के परिजनों से की मुलाकात

अस्पताल प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही उजागर

रायगढ़

“सारंगढ़ से गोल्डी कुमार लहरे”

कोसीर थाना क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम उच्चभिट्ठी में नाबालिग के साथ गांव के ही युवकों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया और इस सदमें से पीडिता ने जहर सेवन कर लिया था जिसकी ईलाज  के अभाव में एम एम आई अस्पताल रायपुर में 15 जुन 2016 को मौत हो जाने से शासन प्रशासन व राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा हुई है। आज सब एक बार फिर दिल्ली में हुये निर्भया काण्ड को याद कर शासन प्रशासन व अस्पताल प्रबंधन को कोस रहे हैं। पीडिता की मौत के बाद प्रशासन आज मरहम लगाने परिजनों के पास पहुॅचा जिसमें सारंगढ़ एसडीएम जनपद सीईओ दल बल के साथ पहुॅचे और परिजनों को राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के तहत 20 हजार रूपये प्रदान किये क्या प्रशासन द्वारा पीडिता के परिजनों को सहायता राशि प्रदान कर देने से यह जख्म भर जायेगा या फिर वह निर्भया दोबारा लौट आयेगी।

23 मई 2016 को घटित इस घटना के बारे में किसी को अंदेशा नहीं था कि यह मामला इतना बड़ा होगा और उसका परिणाम इतना दुखद होगा। लोकलाज के भय से पीडितों ने स्थानीय स्तर पर इलाज कराये लेकिन पीडिता के साथ हुये अनाचार का किसी को भनक तक नहीं लगा और गंभीर स्थिति में परिजनों द्वारा रायगढ़ में ईलाज कराने के लिये ले जाने पर पूरे मामले का खुलासा हुआ और 7 दिन बाद कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज हुयी जिसके बाद कोसीर थाना प्रभारी ने आरोपियों को गिरफतार कर जेल भेज दिया लेकिन पीडिता की हालत सुधरने की स्थिति में नहीं होने के कारण रायगढ़ से रायपुर मेकाहारा में इलाज के लिये जाना पड़ा यहां भी पीड़ितों को अव्यवस्था दिखाई दी और सही इलाज नहीं होने के कारण घर लेकर आ रहे थे इसी बीच रस्ते में पीडिता की तबियत और गंभीर होने लगी उसके बाद परिजनों ने पीड़िता को जानेमाने अस्पताल एमएमआई रायपुर में लेकर गये और किसी भी तरीके से वहां भर्ती कराये यहां भी पीड़ितों को शासन प्रशासन की कोई मदद नहीं मिली और अस्पताल प्रबंधन द्वारा पीडितों से शुरूवात में 60 हजार रूपये जमा करने को कहा गया जिसपर पीडितों ने 25हजार रूपये जमा कराये उसके बाद प्रबंधन ने इलाज प्रारंभ किया बाकी के पैसे जमा नहीं कराये जाने पर प्रबंधन ने पीडिता का इलाज करना बंद कर दिया और अस्पताल के बाहर कर दिया 2 घंटे पश्चात जब मिडिया एवं परिजन के द्वारा होहल्ला मचाया गया तो फिर पीडिता का इलाज हास्पिटल में प्रारंभ किया गया परंतु दिनांक 15 मई को उक्त नाबालिग का दुखद करूणांत हो गया। परिजनों का आरोप है कि हास्पिटल प्रबंधन पूरी रकम जमा नहीं हो पाने के कारण मृत्यु की खबर परिजनों को नहीं दे रहे थे एवं शव को परिजनों के हवाले नहीं कर रहे थे मिडिया एवं साहू समाज के द्वारा सहायता मिलने से परिजन घंटों बाद शव को लेकर अपने गृह ग्राम आ सके। अगर पीडिता को सही समय में सही ईलाज उपलब्ध हो जाता तो आज उसकी जान बचाया जा सकता था।

वहीं कांग्रेस पार्टी इसे सरकार की व्यवस्था के दोष का फल मान रही है आज दिनांक 17 जून को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर जिला कांग्रेस व ब्लाक कांग्रेस के पदाधिकारी सूरज तिवारी जिला महामंत्री कांगे्रस, संजय दुबे ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष, उत्तरी गनपत जांगड़े जनपद अध्यक्ष, अरूण मालाकार जनपद पंचायत उपाध्यक्ष,गनपत जांगडे सोसाईटी अध्यक्ष, गोलू अग्रवाल एनयूएसआई अध्यक्ष, शिव टंडन, पंकज मालाकार, शुभम् बाजपेयी, चारू शर्मा, शैलेश यादव, विक्रांत थवाइत, रविन्द्र नन्दे, चैतन भारद्वाज, पीडिता के घर जाकर घटना पर शोक जताते हुये ब्लाक कांग्रेस कमेटी की ओर से परिवार को 5000 रूपये की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की और पीडिता की मृत्यु का दोष सरकार की व्यवस्था पर मढ़ा। कांग्रेस के पदाधिकारियों ने जब विस्तार से जानकारी ली तो पता चला कि पीड़ित परिवार के पास रमन सरकार की महत्वकांक्षी योजना स्वास्थ्य स्मार्ट कार्ड है ही नहीं। घटना की तारीख को पीड़िता के माता पिता पलायन कर जम्मू खाने कमाने के लिये गये थे। 24 तारीख को जब सारंगढ़ स्वास्थ्य केन्द्र में जहर खाने से बिगड़ी हालत पर इलाज के लिये ले जाया गया तो पुलिस को सूचना देने की किसी जरूरत नहीं समझी। नाबालिग की तबियत में पूर्ण सुधार नहीं होने पर भी उसे हास्पिटल से छुट्टी दे दी गयी। घर जाने पर एक दिन बाद पीड़िता की तबियत फिर खराब हुई तो फिर सारंगढ़ हास्पिटल ले जाया गया तब भी पुलिस को बताने की किसी ने जहमत न उठाई गंभीरता को देखते हुये सारंगढ़ हास्पिटल से पीडिता को रायगढ़ रिफर किया गया। रायगढ हास्पिटल अशर्फी महिला चिकित्सालय में जब पीडिता को भर्ती कराया गया तो हास्पिटल प्रबंधन ने पुलिस को सूचना दी तभी सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया और पुलिस के कान खड़े हुये। कांग्रेस का कहना है कि प्रारंभिक इलाज के दौरान ही सारंगढ़ हास्पिटल ने गंभीरता को देखते हुये पुलिस को सूचना प्रदान कर पूरी तरह ठीक होने तक यदि इलाज किया जाता तो आज पीडिता जीवित होती। वहीं रायपुर के डाॅ अम्बेडकर अस्पताल में प्रशासन ने किसी तरह सुध नहीं ली और तो और एमएमआई हास्पिटल में यदि पीडिता को 2 घंटे बाहर नहीं रखा होता तो ऐसी नौबत ना आती। कांग्रेस का कहना है कि यह घटना सरकार की पलायन रोको, स्मार्टकार्ड योजना, स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है। इस बात को हम विधानसभा तक लेके जाऐंगे और दोषियों पर कार्यवाही नहीं होने तक चुप नहीं बैठेंगे व आंदोनल करेंगे। वहीं कांग्रेस कार्यकताओं की उपस्थिति में मृतिका के पिता संपत्ति साहू ने अस्पताल से बाहर निकालने एवं अमानवीय व्यवहार करने तथा बिना पैसे के इलाज नहीं करने को आरोप लगाते हुये कोसीर थाना पहुॅचकर एमएमआई अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लिखित शिकायत कर कार्यवाही करने की मांग की है।