जांजगीर चांपा संजय यादव- जिले के शराब दुकानों में अवैध बिक्री को रोकने बार कोड स्कैनिंग सिस्टम लागू किया गया है। अभी तक जिले के अंग्रेजी शराब दुकानों में बार कोड सिस्टम शुरू करने के लिए 27 दुकानों में मशीनें दी गई है। प्रत्येक दुकान में एक माह पहले 1-1 सिस्टम लगाई गई है। बार कोड स्कैनिंग शुरू होने से अवैध बिक्री के लिए बिचैलियों की सक्रियता अब कम हो गई है। दरअसल शराब की बोतल में बार कोड लगाने का मुख्य उद्देश्य अवैध बिक्री को रोकना है। और बार कोड शुरू होने से आबकारी विभाग को ऑनलाइन यह जानकारी मिलती है कि कौन से दुकान में कितने वैराइटी की कमी है। इसके अलावा समय पर माल आपूर्ति में सुविधा होती है। एक समय में एक व्यक्ति को दो बंपर अथवा 8 पाव शराब देने का प्रावधान है। इस नियम का पालन हो रहा है या नहीं इसकी जानकारी बार कोड से मिलती है। अंग्रेजी की बजाय देसी शराब की अधिक बिक्री होती है। साल भर में सबसे अधिक बिक्री होली त्योहार में होती है। जिले के नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में दुकान संचालित हो रही है। जहां दुकानें संचालित नहीं हो रही है, वहां बिक्री बिचैलियों के मार्फत होती है।
काम नही कर रहे बार कोड स्कैनिंग सिस्टम
कई दुकानो में बार कोड स्कैनिंग सिस्टम शुरू नहीं होने से दुकान में कार्यकरत कर्मचारी बिचैलियों से सांठ-गांठ कर किसी भी समय अतिरिक्त कीमत देकर खरीदी कर रहे हैं। विभाग के फील्ड इंस्पेक्टर की नियुक्ति इतनी तादाद में नहीं कि प्रत्येक दुकानों का सघनता से निरीक्षण कर सकें। सरकारी कीमत में दुकान से शराब की खरीदी कर बिचैलिए मनमानी कीमत में गुमटी ठेलों में पहुंचा रहे हैं। विभागीय अधिकारी-कर्मचारी व पुलिस का प्रश्रय मिलने से अवैध कारोबार से जुड़े लोगों का हौसला बुलंद है।
विभाग का ध्यान केवल राजस्व में
आबकारी विभाग को वित्तीय वर्ष 2017-18 में फरवरी तक 155 करोड़ राजस्व आय मिला है। वित्तीय वर्ष को माह भर का समय शेष रह गया है। विभाग पर राजस्व आय पूरा करने का सरकारी दबाव होने से कार्रवाई को नजरअंदाज किया जा रहा है। वैध व अवैध दोनों तरह की बिक्री से आबकारी को राजस्व मिल रहा है। ऐसे में विभाग का ध्यान केवल राजस्व में ही सिमट कर रह गया है।
नेटवर्क फेल होने से असुविधा
अंग्रेजी शराब दुकानों में भले ही बार कोड स्कैनिंग की सुविधा दी गई है। नेटवर्क की समस्या के चलते स्कैनिंग के बावजूद कितनी सामानों की खपत हुई है या दुकान में शेष है, इसकी त्वरित जानकारी नहीं मिलती। इसके अवाला आवश्यकता अनुसार शराब की वैराइटी के बारे में भी नियंत्रण कक्ष को जानकारी नहीं मिलती, जिसका लाभ उठाते हुए बिचैलिए दूसरे दुकानों से शराब की आपूर्ति गुमटी व ठेलों से कराते हैं।
देशी दुकान मे अप्रैल से शुरू स्कैनिंग सिस्टम
जिले के अभी सिर्फ 27 अंग्रेजी शराब दुकानो में बार कोड स्कैनिंग सिस्टम लगाया गया है । देशी दुकानो मे यह सुविधा नही है पर अबकारी विभाग के कहना है कि अब देशी दुकानो में भी यह सिस्टम जल्द शुरू किया जायेगा।
प्रकाश पाल, जिला अबकारी अधिकारी जांजगीर चांपा
जिला आबकारी अधिकारी प्रकाश पाल ने बताया कि शराब की अवैध बिक्री को रोकने अंग्रेजी शराब दुकानों में बार कोड स्कैनिंग सुविधा शुरू की गई है। देशी शराब दुकानों में भी जल्द यह सुविधा शुरू की जानी है। 27 दुकानों में एक एक सेट स्कैनर प्रदान की गई है।
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