अपने मकान को छोड़ पेड़ पर घोंसला बना कर बचा रहे अपना जीवन…

अम्बिकापुर फटाफट की टीम ग्राउंड रिपोर्ट के लिए सरगुजा जिले से 80 किलोमीटर दूर पटकुरा के आश्रित ग्राम पंचायत घटोन पहुँची ,जहाँ गाँव मे ना नक्सलियों का डर ना चोरो का सिर्फ डर है तो जंगली हाथियों का.. डर ऐसा की लोग घर में नहीं बल्की घोसले में रहते है.. सुनकर अजीब जरूर लग रहा होगा लेकीन ऐसा हम इस लिए कह रहे है क्योकी हाथियों के डर से लोग अपने जीवन यापन का जरूरी सामान एक पेड़ पर किसी घोसले की तरह रख उसे हाथियों से बचाने की कवायद करते है… वही इस गांव में लगभग 55 घर है जिस गांव की जनसंख्या 250 है.. इतना ही नही इस गांव में बुनियादी सुविधाएं भी नही है..

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सरगुजा संभाग के लुंड्रा विधानसभा क्षेत्र के पटकुरा के आश्रित ग्राम पंचायत घटोन में हम पहुचे और ग्रामीणों से गांव की समस्या सुनी और देखी जब हम गांव के ही एक व्यक्ति से बात की हमने पूछा कि आप लोग पेड़ो के ऊपर क्या रखते है, तो ग्रामीण ने बताया की हम हाथियो के हमले से दहशत में है इसलिए हम अपने सामानों की सुरक्षा के लिए बोरे में बर्तन ,कपड़ा जैसे सामानों को रख देते है जिससे हाथी इसे नुकसान नही पहुचाते है, क्षेत्र के विधायक चिंतामणि महराज को जब ग्रामीणों ने अपने बीच में देखा तो बताया कि ऐसे पहले विधायक होंगे जो इस गांव में पहुचे है नही तो आज तक कोई अधिकारी नही पहुचा है,, यह तो सड़क ,पानी, बिजली ,अस्पताल भी नही है जिससे ग्रामीण चार से पांच किलोमीटर पैदल चल कर इलाज लिए चार पाई पर लेजाने को मजबूर रहते है..

लुंड्रा विधानसभा क्षेत्र के विधायक चिंतामणि जी इस गांव में पहले ऐसे विधायक है जो यहाँ पहुँचे है और ग्रामीणों की समस्या को सरकार तक पहुचने के लिए जिले के अधिकारियों से बात कर रहे है लेकिन अब तक किसी तरह की निर्माण कार्य से लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए किसी तरह की कोई भवन नही है ऐसे जाहिर होता है कि जिला प्रशासन किस तरह से कार्य कर रही है,
इस पूरे मामले में जिले के कलेक्टर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की जानकारी है कि इस गांव में सुविधा तो नही है मगर सोलर लाइट जैसी व्यवस्था है हम प्रयास करेंगे कि सारी सुविधाएं इस गांव तक पहुचे ,साथ सड़क का निर्माण कार्य भी जल्द शुरू किया जाएगा।

बहरहाल जब हमने इस गांव की पड़ताल की तो पता चला की ग्रामीण की समस्या तो बहुत है लेकिन कोई नहीं है इनकी सुनने वाला ,,हो सकता है की इस खबर को देखने के बाद सरकार या जिला प्रसाशन की नींद टूटेगी।