बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..कहने को बलरामपुर राजस्व जिले के तौर पर 2012 में अस्तित्व में आया और जिला मुख्यालय में होने वाले सभी जरूरी विभाग..कस्बेनुमा बलरामपुर में शिफ्ट हो गए..लेकिन परिवहन कार्यालय नए जिलामुख्यालय में नही खुल पाया था..तब परिवहन विभाग का कामकाज सरगुजा मुख्यालय पर निर्भर था..और समय के साथ बलरामपुर में परिवहन विभाग के दफ्तर की शुरुआत हुई..पहले अधिकारी नही होने से भी कामकाज प्रभावित हुआ ..पर अब सब सुविधाएं मुख्यालय में है..और परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाने से ड्राईविंग लायसेंस बनवाने में कमीशन का गोरखधंधा पनपने लगा है..दलाल सक्रिय है.और दलाली के उन्होंने बकायदे अपनी दुकानें भी सजा ली है..
दरसल जिले के परिवहन दफ्तर में लर्निंग से लेकर रेगुलर ड्राइविंग लायसेंस पर कमीशन का ग्रहण लगा हुआ है..अधिकारियों के टेबल में दलाल द्वारा परोसे गए नोटों के बाद सारे नियम कायदे को दरकिनार करते हुए परिवहन अधिकारी का साइन और ठप्पा मानो पल भर में ही लग जाता है..और आगन्तुको का आना तब जाकर सफल हो पाता है..
पैसे दिए है तो ,नही होगा नियम कानून लागू..
सूत्रों के मुताबिक दलाल बगैर टेस्ट ड्राईव के ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए 3 से 4 हजार रुपये लेते है..और फिर सम्बन्धितों को ड्राईविंग लायसेंस इशु कर दिया जाता है..ऐसे में बगैर परीक्षण के लाइसेंस जारी करना गैर कानूनी तो है ही..इसके अलावा यह लोगो की जान से खिलवाड़ भी है..
यह सब ऑफ द रिकार्ड है..
वही खुद जिला परिवहन अधिकारी मृत्युंजय पटेल ये मानते है..की अबतक बगैर टेस्ट ड्राईव के लाइसेंस जारी किए गए है..लेकिन क्यो किये गए..इसको लेकर उनका एक अलग ही तर्क है..जिसे वे आफ दी रिकार्ड दर्जा दे रहे है..