अदानी कंपनी में कार्यरत सिक्यूरिटी गार्डों ने ग्रामीण को जमकर पीटा

  • मानवाधिकार का खुला उल्लंघन,
  • पानी पिला पिलाकर तीन गार्डों ने की रात भर लाठी डंडों से पिटाई

अम्बिकापुर 

सरगुजा जिला अंतर्गत विकास खण्ड उदयपुर के ग्राम परसा केते में अदानी द्वारा संचालित कोल खदान में आदिवासी ग्रामीण से जमकर मारपीट का गंभीर मामला सामने आया है। अदानी कंपनी में काम करने वाले ग्राम केते का चन्द्रभान अगरिया उम्र 35 वर्ष के साथ कंपनी में सिक्यूरिटी गार्ड का काम करने लोगों ने जमकर मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया है। रात भर लाठी डंडों की पिटाई से चन्द्रभान के पूरे शरीर पर चोट के निशान दिखायी दे रहे है। शरीर की चमड़ी पूरी काली नजर आ रही है।

घटना के संबंध में गंभीर रूप से घायल चन्द्रभान अगरिया ने बताया कि सोमवार को वह ग्राम परसा अपने बहन को छोडने गया था वहां से वापस आते वक्त ग्राम केते में मानसाय के होटल के पास कंपनी में गार्ड का काम करने वाले चार लोगों ने उसे रोका और पूछा कहां से आ रहे हो तब चन्द्रभान ने बताया परसा अपने बहन हीरामती के घर से आ रहा हूं। चार गार्ड में से एक ने कहा यह कहीं नहीं गया था खदान में डब्बा चोरी करने गया था। इसे कन्ट्रोल रूम ले चलो चोरी करता है। रात ग्यारह बजे निहत्था व्यक्ति जिसके पास कोई सामान नहीं था उसे चार में से तीन गार्ड वहां से जबरदस्ती कन्ट्रोल रूम ले जाने लगे। इस दौरान भी चन्द्रभान ने उनसे काफी अनुरोध किया साहब मैं कुछ नहीं रखा हूं देख लीजिए मुझे छोड़ दीजिए पर वो लोग नहीं माने और उसे कन्ट्रोल रूम ले गये। वहां पहुंचने के बाद चोरी करने का इल्जाम लगाकर एक गार्ड ने उसके दाहिने कनपटी पर जोरदार तमाचा मारा जिससे चन्द्रभान का सुन्न हो गया। उसके पांच मिनट बाद से तीनों गार्ड बारी-बारी से मिलकर लाठी डंडों से पिटाई करने लगे। मानवता को शर्मसार करने वाले इन तीन लोगों ने भोले भाले निर्दोष आदिवासी व्यक्ति को रात भर जमकर पीटा। पांच सात मिनट की पिटाई के बाद जब वह बेहोश हो जाता उसके उपर पानी डालकर उठाते फिर पानी पिलाते और फिर पिटाई चालू करते। पिटाई का यह क्रम उन लोगों ने सुबह चार बजे तक जारी रखा पुरी तरह से बेहोश होकर गिर गया तब उसे सुबह बोला गया घर चले जाओ और घटना की बात किसी को मत बताना। मंगलवार की सुबह वह चलने की स्थिति में नहीं था किसी तरह लंगड़ा कर चल रहा था तब उसे गांव के घुरसाय ने उसे घर तक छोड़ा। मंगलवार और बुधवार को स्थिति काफी खराब होने और चलने फिरने की स्थिति में नहीं रहने पर घर में हल्दी और देशी जड़ी बुटी से काम चलाता रहा। गुरूवार को स्थिति की गंभीरता को देखते हुये घरवालों ने हिम्मत जुटाकर 108 में फोन किया और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उदयपुर दाखिल कराया। जहां उसका उपचार जारी है। घरवालों ने घटना की जानकारी थाना उदयपुर को दी पुलिस द्वारा मामले की विवेचना की जा रही है।

ग्रामीण के साथ इस तरह की मारपीट से लोगों में दहशत का माहौल है। गंभीर रूप से घायल चन्द्रभान केते के भू-विस्थापित परिवार से है। जिसके पुरखों की जमीन कंपनी ने ली और बदले में फूल पौधों में पानी डालने का काम दिया। इसे भी इसने हंसकर स्वीकार किया कभी इसका विरोध नहीं किया। आज भी उसे सात हजार रूपये महीना का तनख्वाह कंपनी द्वारा प्रदान किया जाता है। एक तो जमीन गयी दूसरे बेघर हुये, धुल धुंए की गर्मी, राख और कोयले के गर्दे की मोटी परत और अब मार भी खाना पड़ रहा है। लोग अच्छे भविष्य की उम्मीद कर रहे थे परंतु यहां कंपनी प्रबंधन के मातहत लोगों की दादागिरी से अब लोगों का जीना दूभर हो रहा है। विचारणीय पहलू यह भी है कन्ट्रोल रूम जहां उच्चाधिकारियों का आना जाना हमेशा लगा रहता है वहां इस तरह की शर्मनाक और मानवता को शर्मसार करने वाली घटना कपंनी प्रबंधन के रवैये पर बडा सवाल खड़ा करता है।