अम्बिकापुर. प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने भाजपा का सूपड़ा साफ कर दिया..और इस जीत का मुख्य वजह रही कांग्रेस द्वारा जारी घोषणा पत्र. जिसमें एक ग़रीब तपके से लेकर आम आदमी की विकास की योजना लिखी गई थी. घोषणापत्र में सबसे ख़ास थी शासकीय भूमि पर काबिज़ लोगों को उनका हक देना. जिसके लोग काफ़ी प्रभावित थे..और राज्य में एक नई सरकार को सेवा का मौका दिया. लेकिन अब प्रशासन द्वारा जारी एक नोटिस ने शासकीय भूमि पर काबिज लोगों के जहन में हड़कंप मचा दिया है.
दरअसल, विधानसभा चुनाव के बाद और निकाय चुनाव के पहले सरकार ने घोषणापत्र पर किये वादे को अमल करते हुए शासकीय भूमि पर काबिज झुग्गी झोपड़ी और मकान बनाकर रह रहे कुछ लोगों को मंच के माध्यम से प्रतीकात्मक रूप से उन्हें उनकी भूमि का हक दिया था. वहीं शहरी क्षेत्रों में भी नजूल की भूमि पर काबिज लोगों को उनके भूमि का स्वामित्व देने की बात कही गई थी. लेकिन नजूल विभाग द्वारा अतिक्रमणकारियों को जारी किए जा रहे नोटिस से लोग सकते में आ गए हैं.
प्रदेश सरकार द्वारा निकाय चुनाव के पहले सरकारी भूमि के आवंटन के लिए जो घोषणा की गई थी. उसे अब पूरा करने का काम शुरू हुआ..तो लोगों के पैरों तले से जमीन खिसक गई है. जिस सरकारी भूमि पर कब्जा कर लोग उसे उचित दाम पर अपना होने का सपना देख रहे थे. उन्हें भूमि का हक प्राप्त करने के लिए जो नोटिस जारी किया जा रहा है. जिसे देखकर लोग असमंजस में पड़ गए हैं.
दरअसल, सरकारी भूमि पर कब्जा करने वाले कुछ लोगों को अब भूमि का स्वामित्व प्राप्त करने के लिए नियमानुसार राशि जमा करने के लिए कहा जा रहा है. इसके लिए नजूल विभाग द्वारा बकायदा अतिक्रमणकारियों को नियमानुसार पैसे भरने अथवा प्रशासन द्वारा भूमि खाली कराने कि कार्रवाई में होने वाले व्यय वसूली करने के संबंध में नोटिस दिया जा रहा है
गौरतलब है कि निगम चुनाव से पहले राज्य सरकार ने सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले लोगों को उसका स्वामित्व प्रदान करने के संबंध में बड़े-बड़े वादे किए थे. ऐसे लोग जो बरसों से सरकारी जमीन पर कब्जा करके रह रहे हैं. सरकारी घोषणा के बाद भूमि स्वामित्व प्राप्त करने के सपने देखने लगे थे. लेकिन चुनाव के बाद जब सरकारी घोषणा को अमल करने का समय आया तो उसके लिए जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है. उसने ऐसे लोगों के सपनों को तोड़ दिया है
फ़टाफ़ट न्यूज़ को नोटिस जारी हुए कई लोगों ने फ़ोन पर बताया कि प्रशासन द्वारा हमें नोटिस जारी किया गया है.. नोटिस में नियमानुसार पैसे जमा करने के लिए दो दिन का समय दिया गया है. नहीं तो अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी. यही नहीं अतिक्रमण हटाने के लिए होने वाले व्यय को भू राजस्व की भाँति वसूल की जाएगी.
वीर सावरकर वार्ड निवासी एक महिला के नाम से जारी नोटिस में नजूल विभाग द्वारा महिला के कब्जे की सरकारी भूमि जिसका क्षेत्रफल 90 वर्ग मीटर है. उसके बदले शासन के निर्देशों का हवाला देते हुए शासकीय भूमि का व्यवस्थापन कराने के लिए गाइडलाइन दर के अनुसार बाजार मूल्य के 150% प्रतिशत प्रब्याजी देने तथा व्यवस्थापन के अंतर्गत भूमि स्वामित्व का हक प्राप्त करने के लिए 2% अतिरिक्त समतुल्य राशि देने की जानकारी देते हुए 90 वर्ग मीटर भूमि के लिए कुल 3 लाख 59 हज़ार 534 रुपये 70 पैसे जमा करने को कहा है.
यही नहीं जारी नोटिस में 17 जनवरी तक पैसे चालान के माध्यम से जमा नहीं कराने पर अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई करने एवं उस पर होने वाले व्यय को भू राजस्व की भांति वसूल करने की बात भी नोटिस में कही गई है. इस नोटिस के बाद लोगों में हड़कंप मच गया है. चौक-चौराहो में इसी बात को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. कुछ लोग सरकार पर वादाखिलाफी का भी आरोप लगा रहे है.