ज्वालादेवी मंदिर………….. हिमाचल प्रदेश
कांगड़ा घाटी, हिमाचल प्रदेश से क़रीब 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ज्वालादेवी मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहाँ माँ शक्ति की नौ...
आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री रविशंकर ने आजीविका महाविद्यालय का भ्रमण..
अम्बिकापुर -अम्बिकापुर में स्थापित आजीविका महाविद्यालय का भ्रमण आर्ट आॅफ लिविंग के संस्थापक श्री रविशंकर ने आज अपने अम्बिकापुर प्रवास के दौरान किया। इस...
दंतेवाडा का दंतेश्वरी मंदिर
महाराजा दक्ष के यज्ञ में महासती द्वारा देह त्याग के उपरांत देवी सती के अंग जहां-जहां विमोचित हुए वहां-वहां आद्य शक्तिपीठों की स्थापना हुई।...
सरगुजा और अंबिकापुर के तीर्थ स्थल.. मां महामाया की नगरी अंबिकापुर
सरगुजा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर की पूर्वी पहाडी पर प्राचिन महामाया देवी का मंदिर स्थित है। महामाया या अम्बिका देवी के नाम पर सरगुजा संभाग...
माता चंद्रसेनी के दर्शनमात्र से शरीर में होता है,, ऊर्जा का संचार
जहां-जहां धरती पर सती के अंग गिरे थे, वहां-वहां मां दुर्गा के शक्तिपीठ स्थापना स्वमेव मानी जाती है। उसी तरह महानदी व माण्ड नदी के...
खजुराहो और कोर्णाक से कम नही “भोरमदेव”
छत्तीसगढ,, इतिहास की बहुत सी कलाओ के उदाहरण अपने आंचल में समेटे हुए हैं। यहां के प्राचीन मंदिरों का सौंदर्य हर तरह से खजुराहो...