Monday, December 23, 2024

शिवपुरी…. सिंधिया राजाओं की ग्रीष्मकालीन राजधानी

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  शिवपुरी ग्वालियर रियासत के सिंधिया राजाओं की ग्रीष्मकालीन राजधानी रह चुकी शिवपुरी आज भी अपने सुन्दर राजप्रासादों तथा संगमरमर से निर्मित अलंकृत छतरियों के द्वारा...

ग्वालियर.. अनेक राजवंशों का आश्रय स्थल

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  ग्वालियर ग्वालियर राज्य की यह पुरातन राजधानी आज भी अपने प्राचीन वैभव की कहानी कह रही है। ग्वालियर शहर सदियों तक अनेक राजवंशों का आश्रय...

अमरकंटक.. नर्मदा और सोन नदियों का यह उद्गम आदिकाल से ऋ़षि-मुनियों की तपोभूमि

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  अमरकंटक भारत की प्रमुख सात नदियों में से अनुपम नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकण्टक प्रसिद्ध तीर्थ और नयनाभिराम पर्यटन स्थल है। मध्यप्रदेश के शहडोल जिले...

चित्रकूट…… ब्रम्हा, विष्णु, महेश के बाल अवतार का स्थान

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  चित्रकूट प्राचीन काल में तपस्या और शांति का स्थल चित्रकूट ब्रम्हा, विष्णु, महेश के बाल अवतार का स्थान माना जाता है। वनवास के समय भगवान...

भेडाघाट.. संगमरमरी चट्टानों का गढ

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  भेड़ाघाट भेड़ाघाट (जबलपुर) में संगमरमरी चट्टानों पर तेज प्रवाह से गिरता नर्मदा नदी का जल पर्यटकों को आकर्षित करता है। जबलपुर से 21 कि.मी. दूर...

उज्जैन… महाकाल और कालभैरव

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  उज्जैन पुण्य-सलिला क्षिप्रा के पूर्वी तट पर स्थित भारत की महाभागा नगरी उज्जयिनी को भारत की सांस्कृतिक-काया का मणि-चक्र माना गया है। पुराणों में उज्जयिनी,...

मांडू(मांडव)गढ.. विंध्य पर्वतमाला मे बसा हिंडोला और जहाज महल…

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मांडू(मांडव) प्रकृति की मनोहारी छटा ने मांडू के सौंदर्य को निखार दिया है। सैकड़ों फुट नीचे नर्मदा का विशाल पाट फैला है जिसकी सोंधी गंध...

खजुराहो.. मध्य युगीन भारत की शिल्प एवं वास्तुकला के सर्वोत्कृष्ट नमूने

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खजुराहो पत्थरों पर तराशी गई सुंदर कला की नगरी है खजुराहो। यहाँ के विश्वप्रसिद्ध मंदिरों का निर्माण चन्देल राजाओं 950-1050 ईस्वी के मध्य करवाया था। इन...

सांची का स्तूप..

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  साँची भोपाल से 45 कि.मी. की दूरी पर स्थित है साँची। साँची को पूर्व में 'काकणाय', 'काकणादबोट', 'बोट-श्री पर्वत' नामों से जाना जाता था। यहाँ स्थित...

पचमढ़ी— शीतल समीर के झोंकों का स्पर्श

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पचमढ़ी सतपुड़ा पर्वत के मनोरम पठार पर अवस्थित पचमढ़ी का प्राकृतिक सौंदर्य ऐसा अनोखा है कि वहाँ पहुँचकर कोई भी पर्यटक मंत्रमुग्ध सा रह जाता है। ग्रीष्मकाल...