अयोध्या. अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) ने शुक्रवार को धनीपुर मस्जिद के निर्माण को अंतिम मंजूरी दे दी। बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि फैसले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सरकार ने अयोध्या जिले के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन दी थी, जिस पर ‘इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन’ ट्रस्ट एक मस्जिद, अस्पताल, रिसर्च इंस्टिट्यूट, सामुदायिक रसोई और एक लाइब्रेरी का निर्माण कराया जाना है।
मंजूरी न मिलने और एडीए की ओर से भूमि इस्तेमाल में बदलाव के मामले के कारण मस्जिद के निर्माण में दो साल से ज्यादा की देरी हुई। अयोध्या के संभागीय आयुक्त और एडीए के अध्यक्ष गौरव दयाल ने शनिवार को कहा, ‘हमने शुक्रवार को हुई बोर्ड बैठक में अयोध्या मस्जिद के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। कुछ विभागीय औपचारिकताओं के बाद स्वीकृत नक्शे कुछ दिनों में इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन को सौंप दिए जाएंगे।’
ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि सभी मंजूरी मिलने के बाद एक बैठक की जाएगी और मस्जिद के निर्माण की योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। हुसैन ने कहा, ’21 अप्रैल को खत्म होने वाले रमजान के बाद ट्रस्ट की बैठक होगी. उस बैठक में मस्जिद का निर्माण कार्य शुरू करने की तारीख को अंतिम रूप दिया जाएगा।’ हुसैन ने कहा, ‘हमने 26 जनवरी, 2021 को मस्जिद की नींव रखी थी, हमने इस दिन को अयोध्या मस्जिद की नींव रखने के लिए चुना क्योंकि सात दशक पहले इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था।’ हुसैन ने कहा, ‘धन्नीपुर मस्जिद बाबरी मस्जिद से बड़ी होगी। तीर्थनगरी में राम मंदिर स्थल से धन्नीपुर मस्जिद स्थल लगभग 22 किमी दूर है।’
अयोध्या जिले के धन्नीपुर गांव में एक मस्जिद, अस्पताल, शोध संस्थान, सामुदायिक रसोई और लाइब्रेरी के निर्माण की मंजूरी के लिए जुलाई 2020 में अयोध्या विकास प्राधिकरण में आवेदन किया गया था। गौरतलब है कि नौ नवंबर, 2019 को एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का आदेश दिया था और सरकार से जिले में एक प्रमुख स्थान पर मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन आवंटित करने को कहा था।
वहीं दूसरी तरफ अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम जारी है। मंदिर निर्माण का काम कर रहे ट्रस्ट श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अधिकारियों ने दावा किया है कि मंदिर भक्तों के लिए जनवरी 2024 में खुल जाएगा। देश में अगला आम चुनाव भी वर्ष 2024 में होगा।