Roti Vastu, Vastu Tips, Kitchen Vastu : रोटी, भारतीय घरों का सबसे प्रिय आहार हैं। यहन केवल आहार माना जाता है बल्कि यह एक धार्मिक और सामाजिक परंपरा भी है।
रोटी को बनाने की प्रक्रिया में वास्तु शास्त्र के कुछ नियम हैं जो हमें ध्यान में रखने चाहिए। यहां हम आपको रोटी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण वास्तु नियमों के बारे में बता रहे हैं। रोटी को बनाने की प्रक्रिया न केवल एक आहार तौर पर महत्वपूर्ण है बल्कि यह धार्मिक और वास्तु दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण क्रिया है। इन नियमों का पालन करके हम अपने घर को आर्थिक और सामाजिक स्तर पर सुखी और समृद्ध बना सकते हैं।
Roti Vastu: सूर्य, मंगल और राहु के प्रभाव
रोटी बनाने की प्रक्रिया को वास्तु शास्त्र के अनुसार सूर्य, मंगल और राहु ग्रह के प्रभाव से जुड़ा हुआ माना जाता है। इन ग्रहों के प्रभाव को दूर करने के लिए रोटियों की गिनती करने की सलाह नहीं दी जाती।
Roti Vastu: किचन की दिशा
आपके घर की रसोई को दक्षिण-पूर्व कोने में होना चाहिए। रोटी बनाने के समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। दक्षिण दिशा में गैस या चूल्हा रखने से रोटी बनाना अशुभ माना जाता है।
Roti Vastu :पहली रोटी के विशेषता
पहली रोटी को गाय के लिए निकाल देना शुभ माना जाता है। गाय को रोटी खिलाने से आपके सत्कर्मों में वृद्धि होती है और गृह क्लेश टल जाता है।
Roti Vastu : कुत्ते के लिए भी रोटी
कुत्ते को भी रोटी खिलाने से पुण्य मिलता है और उसके जीवन के कष्ट कम होते हैं।
Roti Vastu : विशेष दिनों पर रोटी का महत्व
कुछ धार्मिक और परंपरागत अवसरों पर रोटी का बनाना अशुभ माना जाता है, जैसे कि अगर घर में किसी का मृत्यु होता है तो उसी दिन रोटी नहीं बनाई जाती।