भारत जोड़ो पदयात्रा में कहां ठहरेंगे राहुल? जानिए क्या है 3570 किलोमीटर यात्रा का प्लान



नई दिल्ली: कांग्रेस आज यानी बुधवार को भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत करेगी। यात्री की शुरुआत कन्याकुमारी से की जाएगी। यात्रा की अधिकारिक शुरुआत कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी करेंगे, जबकि पैदल मार्च का आरंभ कल से होगा। कांग्रेस का कहना है कि यात्रा का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। इसका मकसद केवल भारत को एकता के सूत्र में बांधना है।

कांग्रेस के प्रवक्ता जयराम रमेश ने बताया कि ये भारतीय राजनीति के लिए बहुत ही परिवर्तनकारी क्षण हैं। आपको बता दें कि कांग्रेस छोड़कर अलग पार्टी बनाने का ऐलान करने वाले कद्दावर नेता गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है। आजाद ने कहा कि कांग्रेस की हार की वजह कोई और नहीं, बल्कि खुद राहुल गांधी हैं। इसलिए उनको भारत जोड़ो यात्रा से पहले कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकालनी चाहिए।

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के मुख्य बिंदु –

भारत जोड़ो यात्रा 150 दिन में 3,570 किमी का एरिया कवर करेगी और जम्मू और कश्मीर में खत्म होगी।
यात्रा में शामिल नेता और कार्यकर्ता किसी होटल में नहीं रुकेंगे और कंटेनरों में रात बिताएंगे। इसके लिए लगभग 60 कंटेनरों का इंतजाम किया गया है। कुछ कंटेनरों में सोने के लिए बेड, टॉयलेट्स और एसी की भी व्यवस्था की गई है। सुरक्षा कारणों के चलते राहुल गांधी एक अलग कंटेनर में रुकेंगे, जबकि अन्य लोग कंटेनरों को शेयर करेंगे। कंटेनर रोजाना अलग-अलग स्थानों पर गांव की शक्ल में लगाए जाएंगे। पूरी यात्रा में शामिल होने वाले यात्री सड़कों पर ही भोजन करेंगे। ऐसे यात्रियों के कपड़ों के लिए लॉंड्री सर्विस दी जाएगी। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मौसम में खराबी संबंधी संभावनाओं के लिए भी जरूरी इंतजाम किए गए हैं।

यात्री रोजाना 6 से 7 घंटे यात्रा करेंगे। यात्रियों को दो शिफ्टों में बांटा गया है…मॉरनिंग और इवनिंग। मॉरनिंग शिफ्ट वाले यात्री सुबह 7 से सुबह 10.30 बजे तक और इवनिंग शिफ्ट वाले यात्री दोपहर 3.30 बजे से शाम 6.30 बजे तक यात्रा करेंगे। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान रोजाना 22 से 23 किमी की दूरी तय की जाएगी। भारत जोड़ो यात्रा में सबसे बुजुर्ग सदस्य राजस्थान कांग्रेस के 58 वर्षीय नेता विजेंद्र सिंह महलावत हैं, जबकि सबसे युवा सदस्य 25 वर्षीय आजम जोंबला और बेम बई हैं। दोनों ही अरुणाचल प्रदेश से हैं। यात्रा केरल में 18 दिन और कर्नाटक में 21 दिन तक जारी रहेगी।