UPSC Chief, UPSC Chairperson, UPSC Chairperson Resigned, NTA Chief, NDA, I.N.D.I.A : भारतीय संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अध्यक्ष मनोज सोनी ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिससे राजनीतिक हलचल मच गई है। उन्होंने अपने इस्तीफे में ‘निजी कारणों’ का हवाला दिया है। मनोज सोनी का कार्यकाल 2029 तक था, लेकिन उन्होंने पहले ही अपने पद से हाथ धो लिया। इस घटना के बाद, राजनीतिक दलों ने इस पर विवाद उठाया है।
कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने इस इस्तीफे को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि यह स्थिति देश की संवैधानिक संस्थाओं की प्रतिष्ठा पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। उन्होंने ट्वीट किया कि यह बात दिखाती है कि सरकार ने अपनी पसंद के अधिकारी को प्राथमिकता दी है, जो कि संविधान के विरुद्ध है।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के प्रमुख प्रदीप कुमार जोशी को क्यों बचाया गया?
इसके अलावा, उन्होंने पूछा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के प्रमुख प्रदीप कुमार जोशी को क्यों बचाया गया है, जबकि अन्य संस्थाओं के अधिकारी अपने पद से हटा दिए जाते हैं।
कई लोग हैं, जो व्यवस्थाओं को दूषित कर रहे
यहां तक कि विपक्षी दलों ने भी इस मामले में भाग लिया है। उन्होंने दावा किया है कि ऐसे कई लोग हैं, जो व्यवस्थाओं को दूषित कर रहे हैं, और सरकार उन्हें अपनी इच्छा के मुताबिक चुन रही है।
पूजा खेड़कर स्कैम बड़ा कारण?
मनोज सोनी के इस्तीफे के पीछे का वास्तविक कारण अभी सामने नहीं आया है, लेकिन इसमें एक विवाद भी जुड़ा हुआ है। जानकारों के मुताबिक, उनके इस्तीफे से पहले कुछ विवादित घटनाओं का संबंध हो सकता है। पूजा खेड़कर स्कैम(IAS pooja Khedkar scam) मामले को बड़ा कारण माना जा रहा है।
यह समय इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वर्तमान सरकार के कई प्रमुख संवैधानिक निकायों में अपने संगीनों का चयन कर रहे है। इस प्रकार की घटनाएं विशेष रूप से संवैधानिक प्रणाली की प्रतिष्ठा पर प्रभाव डाल सकती हैं। साथ ही, इस घटना से संघीय संस्थाओं की स्थिति पर भी सवाल उठते हैं। विपक्ष दलों के अनुसार, सरकार के संविधानिक संस्थाओं को नुकसान पहुंचाने का एक और मामला है।
इस समय पर, सरकार के स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित अधिकारियों के इस्तीफे का मुद्दा सामाजिक और राजनीतिक वार्ता में गर्मा गर्मी का कारण बना है। यूपीएससी के अध्यक्ष मनोज सोनी के इस्तीफे के परिणामस्वरूप अब यह देखा जाएगा कि उनके पद की जगह पर कौन चुना जाता है और इस घटना का राजनीतिक परिणाम क्या होता है।