Union Budget 2024 Explainer : इनकम टैक्स में आम जनता को बड़ी राहत, जानें नई इनकम टैक्स रिजीम या पुरानी, किसे चुनना होगा फायदेमंद, कैसे मिलेगा लाभ

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Income Tax Regime, Income Tax, Union Budget 2024, New Tax regime, Old Tax Regime : मोदी सरकार किसी से कार्यकाल का आज पहला पूर्ण बजट पेश किया गया है। इस दौरान इनकम टैक्स में आम जनता को राहत दी गई है। हालांकि कई ऐसे सवाल भी उठ रहे हैं।

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जिसका जवाब दिया जाना बेहद आवश्यक है। नए टैक्स रिजीम और पुराने टैक्स रिजीम में कई लोगों को अंतर नहीं समझ में आ रहा है। जिसके कारण आम जनता के लिए यह लगातार सवाल बन रहा है।

वित्त मंत्री द्वारा एक नया इनकम टैक्स सिस्टम पेश किया गया

बता दे कि वित्त मंत्री द्वारा एक नया इनकम टैक्स सिस्टम पेश किया गया था। जिसका मुख्य कारण मध्यम वर्ग के लोगों को टैक्स में राहत देना था। अब नए टैक्स रिज्यूम के तहत लोगों को लाभ मिलेगा इसके साथ ही उनके इनकम टैक्स में लाभ की घोषणा की गई है।

भारतीय सरकार ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में एक नया इनकम टैक्स सिस्टम पेश किया है। जिसका मुख्य लक्ष्य मध्यम वर्ग के लोगों को टैक्स में राहत प्रदान करना है। इस नए सिस्टम के तहत, व्यक्ति की आय के आधार पर अलग-अलग टैक्स स्लैब्स तय किए गए हैं, जो 2024-25 वित्त वर्ष से लागू होंगे।

नए टैक्स स्लैब्स

  1. 3 लाख रुपये तक की आय: कोई टैक्स नहीं।
  2. 3,00,001 से 7,00,000 रुपये तक की आय: 5% टैक्स।
  3. 7,00,001 से 10,00,000 रुपये तक की आय: 10% टैक्स।
  4. 10,00,001 से 12,00,000 रुपये तक की आय: 15% टैक्स।
  5. 12,00,001 से 15,00,000 रुपये तक की आय: 20% टैक्स।
  6. 15,00,000 रुपये से अधिक की आय: 30% टैक्स।

यह स्लैब्स प्रत्येक वर्ष की आय के आधार पर लागू होंगे और इनमें समर्थन और व्यापार के लिए विभिन्न छूटें नहीं शामिल हैं।

मुख्य बदलाव

  1. सबसे निम्न स्लैब में वृद्धि: पहले की तुलना में, 5% वाली स्लैब की सीमा 3 लाख से 7 लाख रुपये तक बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई है। इससे मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी।
  2. छूटों में कमी: नए सिस्टम में सेक्शन 80सी, 80डी और 80जी के तहत निवेश, इंश्योरेंस प्रीमियम और डोनेशन की छूटें शामिल नहीं हैं। यह निर्णय अब तक के छूट प्राप्त करने वालों को प्रभावित करेगा।
  3. उच्च आय ग्रुप के लिए टैक्स कमी: 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर लगाए जाने वाले 30% के टैक्स में मामूली कमी की गई है। पुराने सिस्टम में इस स्लैब में 1,50,000 रुपये और 15,00,000 रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्स लागू होता था।

पुरानी और नए इनकम टैक्स में अंतर

पुरानी रिजीम में, इंवेस्टमेंट, इंश्योरेंस प्रीमियम, और डोनेशन जैसी छूटें शामिल थीं, जिससे करदाता अपनी टैक्स बिल में कटौतियों का लाभ उठा सकते थे। इसके कारण, जो लोग इन विभिन्न छूटों का उपयोग कर अपनी आय पर कर का भुगतान करते थे। उनके लिए यह पुरानी रिजीम काफी लाभदायक मानी जाती थी।

हालांकि नए इनकम टैक्स सिस्टम में इन छूटों को शामिल नहीं किया गया है। जिसके कारण कुछ लोग इसे निराशाजनक मान रहे हैं। वित्त मंत्रालय का तर्क है कि नये सिस्टम से सरलता और वित्तीय पारदर्शिता में सुधार होगा। जो लंबे समय तक इसे व्यवस्थित करने में मदद करेगा।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

विपक्ष ने इस नए सिस्टम को बेमानी और गरीबों के खिलाफ होने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इससे केवल अमीरों को फायदा होगा और मध्यम वर्ग को इससे कोई वास्तविक लाभ नहीं होगा।

व्यक्तिगत वित्त नियोजन

इस नए सिस्टम के प्रारूप में वित्त मंत्री ने सलाह दी है कि लोग अपनी व्यक्तिगत वित्त नियोजन में भी देखभाल और संवेदनशीलता बनाए रखें। यह सुनिश्चित करेगा कि व्यक्ति की आय के अनुसार टैक्स भुगतान नियमित और वित्तीय स्थिति के अनुरूप हो।