शासन के निर्देश के अनुसार जिले में सहकारी समितियों में बोर्ड की शक्तियों का प्रयोग करने के लिए अशासकीय व्यक्ति को मनोनीत करके अध्यक्ष नियुक्ति किया जा रहा है। जिला उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं के दिशा निर्देश पर सभी समितियों में अध्यक्ष का मनोनयन किया जा रहा है। जिसको लेकर पूर्व विधायक मोतीलाल देवांगन एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य दिनेश शर्मा के बीच खींचतान बढ़ गई है। दोनों अपने-अपने कार्यकर्ताओं को पद दिलाने के लिए आपस में भिड़ गए हैं। कोई मनोनीत अध्यक्षों के साथ बुके लेकर फोटो खींचा रहा है तो कोई शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर वाहवाही लूट रहा है। इस तरह दोनों के बीच विवाद की स्थिति बन गई है।
हाल ही में नवागढ़ ब्लॉक के तुलसी सहकारी समिति में विवाद की स्थिति बन गई जब 26 जनवरी को दो अध्यक्ष ध्वजारोहण के लिए पहुंच गए। भठली निवासी बजरंग लाल केंवट और उदयभाठा निवासी विजय तिवारी के बीच झंडारोहण को लेकर विवाद होने लगा। बाद में किसी तरह स्थिति को संभाला गया विवाद उप पंजीयक सहकारी समिति के अधिकारी तक पहुंच गई। दोनों अपने-अपने पद को लेकर अड़े रहे। ग्राम पंचायत तुलसी के सहकारी समिति में दो अध्यक्ष होने के कारण विवाद की स्थिति बन गया। बाद में बजरंग लाल केवट का नाम रद्द कर विजय तिवारी को अध्यक्ष के पद पर मनोनीत किया गया। स्थिति बिगड़ते देख उप पंजीयक अधिकारी को बीच बचाव के लिए एक नाम को काटना पड़ा।
नाम कटने के बाद बजरंग लाल केवट उप पंजीयक सहित नेताओं पर रोष व्यक्त करते हुए उप पंजीयक अधिकारी व नेताओं पर भेदभाव करने का एवं निष्पक्ष चयन न करने भाई भतीजावाद का आरोप लगाते हुए उच्च अधिकारियों से शिकायत की बात कही। लगातार जांजगीर चांपा विधानसभा में इस तरह विवाद की स्थिति हर जगह देखी जा सकती है। मोतीलाल देवांगन अपने लोगों को अध्यक्ष पद में बैठाना चाहते हैं तो वहीं पूर्व जिला पंचायत सदस्य दिनेश शर्मा अपने लोगों को अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। दोनों नेताओं की खींचतान में अध्यक्ष के लिए चयनित लोगों में कन्फ्यूजन की स्थिति बन गया है।
पार्टी ने विधानसभा वार नेताओं से अपने अपने कार्यकर्ताओं के नाम मंगाए थे, जिसको लेकर जिला सहकारी समिति में अध्यक्ष का मनोनयन करना था जिसकी वजह से ही यह स्थिति निर्मित होने लगी। किसी तरह पार्टी की बदनामी को देखते हुए गुपचुप तरीके से जल्दबाजी में अध्यक्ष का मनोनयन किया गया।